UP International Trade Show: UP International Trade Show में दिखा अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर बढ़ाए गए टैरिफ का सीधा असर!

UP International Trade Show
उत्तरप्रदेश / इस बार उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर बढ़ाए गए टैरिफ का सीधा असर देखने को मिला. जिसमें अमेरिका से आए5-6 खरीदार और प्रदेश के उद्यमियों के बीच कीमतों को लेकर सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण कोई बड़ा कारोबारी करार नहीं हो पाया. कई राउंड बैठक हुई, लेकिन बात नहीं बन पायी.
अमेरिका के इतने खरीदार पहुंचे
ट्रेड शो में अमेरिका के केवल 5-6 खरीदार ही पहुंचे थे. उन्होंने पहले तीन दिन यूपी के एग्जीबिटर्स के साथ कई बी-2-बी बैठकें की, लेकिन टैरिफ की वजह से कीमतों पर मतभेद बना रहा. उद्यमियों ने अपने उत्पाद सस्ते दामों पर बेचने से साफ मना कर दिया, जिसकी वजह से अमेरिकी डेलिगेट्स को खाली हाथ लौटना पड़ा.
50 फीसद टैरिफ बना सबसे बड़ा ब्रेकर
जानकरी के लिए आपको बता दें कि हाल – फिलहाल में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50 % टैरिफ लगा दिया है. जिसका असर ट्रेड शो पर दिखा. भारतीय निर्यातकों के कई ऑर्डर भी अटक गए हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के उपनिदेशक रोहित तेजपाल ने बताया कि टैरिफ बढ़ने के कारण कीमतों पर सहमति नहीं बन सकी. अमेरिकी खरीदार जिस रेट पर ऑर्डर देना चाहते थे, वह हमारे उद्यमियों के लिए व्यावहारिक नहीं था.
“Trade Show” में रूस बना सहयोगी देश
इस बार ट्रेड शो में रूस को सहयोगी देश के रूप में शामिल किया गया. कुल 85 देशों से 500 से अधिक खरीदार ट्रेड शो में पहुंचे, जिनमें रूस, यूरोप, खाड़ी देश, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के प्रतिनिधि प्रमुख रहे.
600 से अधिक एमओयू साइन
फियो के महानिदेशक व सीईओ डॉ. अजय सहाय ने बताया कि अब तक 600 से अधिक एमओयू साइन हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के साथ हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार अमेरिका के साथ कोई करार नहीं हो पाया, लेकिन यूरोपीय और अन्य बाजारों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.
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विशेषज्ञों ने बताया:- 3 से 6 महीनों में दिखेगा असर
फियो के अनुसार इस ट्रेड शो के माध्यम से करीब 500 करोड़ के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. सबसे अधिक एमओयू टेक्सटाइल, सोलर पैनल, चावल, आम, लेदर, कारपेट और टेक्नोलॉजी उत्पादों को लेकर हुए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सकारात्मक असर आने वाले 3 से 6 महीनों में देखने को मिलेगा.



