Raigarh News: जिंदल फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार द्वारा ’एक पेड़ मां के नाम’ अंतर्गत सघन वृक्षारोपण
अभियान नैतिक जिम्मेदारी ही नहीं, मातृवंदना का सशक्त माध्यमः पी के मिश्रा

Raigarh News: तमनार- जेपीएल तमनार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के प्रति सदैव समर्पित रही है। संस्थान एक पर्यातिहैषी संस्थान होने के नाते क्षेत्र में पर्यावरणीय वातावरण निर्माण में बढ़ चढ़कर भाग लेती रही है। इसी क्रम में जिंदल फाउण्डेशन, तमनार देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष को वृक्षों से आच्छादित करने के अभियान ’एक पेड़ मां के नाम’ के अंतर्गत आज संस्थान के निकटस्थ ग्राम बासनपाली एवं गारे पेलमा माइंस परिक्षेत्र के ग्राम टिहलीरामपुर में सघन वृक्षारोपण किया गया।
वृक्षारोपण अभियान श्री पी.के. मिश्रा, प्रबंध निदेशक जेपीएल तमनार के मुख्य आतिथ्य एवं श्री अजय पाण्डेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जेपीएल, श्री जी.वेंकट रेड्डी, कार्यपालन निदेशक एवं यूनिट हेड, जेपीएल तमनार श्री प्रकाश, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गारे पेलमा जेपीएल की विशिष्ठ आतिथ्य में, श्री संदीप सांगवान, श्री ए.के. तिवारी, श्री संजीव कुमार, श्री एन.के.सिह, श्री ऋषिकेश शर्मा, श्री विक्रांत कुमार, रेंजर वन विभाग तमनार एवं विभिन्न विभाग के विभागाध्यक्षो, संस्थान में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों प्रबुद्ध नागरिकों एवं श्रमिकों की गरीमामय उपस्थिति में सघन वृक्षारोपण किया गया।
ज्ञातव्य हो कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना है। यह अभियान पेड़ों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देता है, जिससे लोग अपने मातृत्व को सम्मानित करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान दे सकें। इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर किया था और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस स्मरणीय बनाने के लिए जिंदल फाउण्डेशन, जेपीएल तमनार द्वारा ’एक पेड़ मां के नाम’ के अंतर्गत ग्राम बासनपाली में सघन वृक्षारोपण किया गया। जिसका प्रमुख लक्ष्य सभी भारतीयों से अपील करना कि वे अपनी पुज्या मां के नाम पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं। यह अभियान न केवल व्यक्तिगत सम्मान व श्रद्धांजलि है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
इस अवसर पर श्री ओमप्रकाश जी अपने पुज्य माता श्रीमती सरोवर कुमारी के नाम एक पेड़ लगाते हुए कहा कि ’एक पेड़ मां के नाम’ सम्पूर्ण वसुधा को हरित पट्टिका निर्माण करने का एक सशक्त माध्यम होने के साथ पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति हम सभी की सामुहिक एवं व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में श्रीयुत श्री नवीन जिंदल जी द्वारा यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिवस पर दी गई बधार्द संदेश को उपस्थित जनमानस को सुनाया गया। इस अवसर पर श्री जी.वेंकट रेड्डी ने अपने श्रद्धेय माताश्री श्रीमती सीथा रथनम के नाम एक पेड़ रोपित करते हुए समस्त कर्मचारियों एवं ग्रामीणों से भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ रोपित करने पर बधाईयॉ देते हुए कहा कि यह अभियान अपने सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में एक महत्वपर्ण कार्य है। वृक्ष हमारे जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी है। हम वृक्ष लगाकर धरती मां की श्रृंगार तो करते ही हंै, वहीं पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाये रखने में भी सफल होते हैं। श्री अजय पाण्डेय ने अपने पुज्य माताजी श्रीमती चंदा बाई पाण्डेय के नाम पौध रोपण करते हुए कहा मैं अपने आप में बहुत ही सौभाग्यशाली हॅु कि इस अभियान का हिस्सा बनते हुये अपने माताश्री के नाम एक पेड़ रोपित किया। उन्होनें सभी से आग्रह किया ‘एक पेड़ मां के नाम’ को कार्यक्रम नहीं वरन एक अभियान बनायें।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पी.के. मिश्रा अपने पुज्य माताश्री श्रीमती सरोजनी मिश्रा के नाम एक पेड़ लगाते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है बल्कि यह अपने अपने मां की मातृवंदना और हम सभी की सामाजिक जिम्मेदारी भी है। अभियान ने पूरे देश में जन जागरूकता पैदा की है और लोग उत्साहपूर्वक इसमें भाग ले रहे हैं। उन्होनें सभी से आग्रह किया कि इस अभियान में बढ़ चढ़ कर सहभागिता सुनिश्चित करें।
इस दौरान श्री राजेश दूबे, श्री गोविंद कुमार, श्री संजीव परासरी, श्री विरेन्द्र शर्मा, श्री विजय जैन, श्री एस.सी. पाल, श्री सौरभ भट्टाचार्य, ग्राम पंचायत बासनपाली के सरपंच श्रीमती सविता ठाकुर, उपसरपंच श्रीमती सीमा साहु श्री जागेश्वर निषाद एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों, शताधिक कर्मचारी, कामगार भाईयों, स्व सहायता समूह की महिलाओं की गरीमामय उपस्थति रहीं। उक्त अभियान का सफल क्रियान्वयन में टीम सीएसआर का सराहनीय योगदान रहा।