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Gold Price Today: चांदी की कीमतों ने आज बनाया नया रिकॉर्ड; सोना में भी दिखी तेजी , जान लीजिए आज का रेट…

Gold Price Today मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में धमाकेदार तेजी दर्ज की गई। सोने में बढ़त देखने को मिली, जबकि चांदी ने अपना अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर छू लिया। यह तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों के चलते आई है। एमसीएक्स की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अक्टूबर वायदा सोने का भाव सुबह 9:10 बजे तक ₹1,09,485 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जिसमें 0.46% की बढ़त थी। यह 9 सितंबर को ₹1,09,840 के अब तक के रिकॉर्ड स्तर के बेहद करीब है। जबकि दिसंबर वायदा के लिए चांदी की कीमत इसी समय ₹1,28,095 प्रति किलोग्राम पर थी, जिसमें 0.91% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसने ₹1,28,533 प्रति किलोग्राम का नया रिकॉर्ड उच्च स्तर भी बनाया।

 

क्यों बढ़ीं कीमतें

जानकारों का मानना है कि अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के चलते अमेरिकी फेडरल रिजर्व 17 सितंबर की अपनी बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है। हाल ही में जारी हुए अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़े काफी निराशाजनक रहे हैं, जो आर्थिक सुस्ती की ओर इशारा कर रहे हैं।

 

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महत्वपूर्ण अमेरिकी आर्थिक आंकड़े

नौकरी वृद्धि में गिरावट: मार्च 2025 तक के संशोधित आंकड़ों में 9,11,000 नौकरियों की कटौती सामने आई है।

बेरोजगारी बढ़ी: जुलाई में 4.2% से बढ़कर अगस्त में 4.3% हो गई है।

कम नौकरी सृजन: अगस्त में सिर्फ 22,000 नई नौकरियां जोड़ी गईं, जबकि जुलाई में यह संख्या 79,000 थी।

बढ़ते बेरोजगारी दावे: 6 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में बेरोजगारी दावे बढ़कर 2,63,000 हो गए, जो पिछले चार सालों का सबसे ऊंचा स्तर है।

इसके साथ ही, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) अगस्त 2025 में 2.9% पर पहुंच गया, जो जुलाई के 2.7% से ज़्यादा है और इस साल की सबसे ऊंची महंगाई दर है।

 

 

ब्याज दर में कटौती का असर

Gold Price Todayलाइवमिंट की खबर के मुताबिक, जब फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है। इससे निवेशक सोने और चांदी जैसी बिना ब्याज वाली संपत्तियों की ओर आकर्षित होते हैं, क्योंकि ये अधिक आकर्षक हो जाती हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि फेड इस साल के अंत तक तीन बार दरों में कटौती कर सकता है, जो कि पहले की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा है

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