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Chhattisgarh Today News: छत्तीसगढ़ में 90% बच्चों के Adhar Card रिजेक्ट, आखिर क्यों हो रहे रिजेक्शन ? जानें बजह

Chhattisgarh Today News नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2025) के तहत बच्चों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के लिए अपार आईडी (Apar ID) अनिवार्य किया गया है। इसके लिए बच्चों का आधार कार्ड (Aadhaar Card for Students) पंजीयन आवश्यक है। लेकिन राजधानी रायपुर और प्रदेश के अन्य जिलों में बड़ी समस्या सामने आई है।

 

90 फीसदी बच्चों के आवेदन रिजेक्ट

मोवा स्थित आधार सेवा केंद्र (Aadhaar Service Center) से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में किए गए पंजीयन में से 100 बच्चों में से 90 बच्चों का आधार कार्ड रिजेक्ट हो गया। यानी करीब 90% आवेदन अस्वीकृत। यही हाल अन्य केंद्रों का भी है, जिसके चलते पालकों में भारी नाराजगी है।

 

आखिर क्यों हो रहे रिजेक्शन ?

आधार केंद्र संचालकों का कहना है कि बच्चों के आवेदन रिजेक्ट होने के कई कारण हो सकते हैं –

 

  • बायोमेट्रिक (Biometric Data) ठीक से कैप्चर न होना
  • नाम या जन्मतिथि (Name/DOB) में गड़बड़ी
  • तकनीकी त्रुटियां (Technical Errors)
  • सर्वर की समस्या (Server Issues)

हालांकि, पालक सवाल उठा रहे हैं कि यदि इतने बड़े पैमाने पर रिजेक्शन हो रहा है तो सरकार और UIDAI को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए।

 

पालकों का कहना है कि आधार कार्ड आवेदन के लिए उन्हें 50 रुपये का शुल्क देना पड़ा। अब जब आवेदन रिजेक्ट हो गया तो पैसा भी डूब गया और नए सिरे से आवेदन करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन लगातार दबाव बना रहा है कि बच्चों का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से जमा करें, तभी अपार आईडी (Student Digital ID) बनेगी।

 

भीड़भाड़ वाले आधार केंद्र, घंटों कतार में खड़े बच्चे

रायपुर समेत कई जिलों के आधार सेवा केंद्रों पर इन दिनों लंबी कतारें देखी जा रही हैं। छोटे बच्चों को भी घंटों धूप और भीड़ में खड़ा रहना पड़ रहा है। पालकों का कहना है कि प्रशासन को इसके लिए स्पेशल आधार कैंप (Special Aadhaar Camps) लगाने चाहिए, ताकि बच्चों का पंजीयन सुगमता से हो सके।

 

प्रदेशभर में बड़ा आंकड़ा हो सकता है

यदि एक केंद्र (CG Students Aadhaar Card Rejection) में 100 में से 90 बच्चों का आवेदन रिजेक्ट हुआ है तो पूरे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में यह संख्या हजारों में हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या केवल राजधानी तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेशभर में अपार ID रजिस्ट्रेशन (Apar ID Registration Issue) प्रभावित हो सकता है।

 

पालकों की मांग

पालक मांग कर रहे हैं कि –

रिजेक्ट हुए आवेदन का कारण स्पष्ट बताया जाए

आवेदन शुल्क वापस मिले या दोबारा आवेदन पर न लिया जाए

स्कूलों पर पालकों को दबाव डालने से रोका जाए

आधार अपडेट के लिए काउंटर और स्टाफ बढ़ाए जाएं

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क्या कह रही है शिक्षा विभाग?

Chhattisgarh Today Newsशिक्षा विभाग का कहना है कि बच्चों की अपार आईडी (Student Apar ID) शिक्षा व्यवस्था के डिजिटलीकरण (Digital Education System) के लिए जरूरी है। इसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन रिजेक्शन की समस्या को लेकर विभाग ने UIDAI से रिपोर्ट मांगी है।

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