Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट जाने की दी सलाह…

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को विशेष कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड (Judicial Custody) पर जेल भेज दिया है। इससे पहले आज उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त तय की गई है।
जन्मदिन पर हुई थी गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को जेल भेजा गया
ईडी (Enforcement Directorate) ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके भिलाई निवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त उनका जन्मदिन था। ईडी के अनुसार, चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime – POC) हुई थी। उन्होंने यह रकम अपनी रियल एस्टेट फर्म्स के जरिए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट (Real Estate Projects) में निवेश की थी।

जांच में सामने आया कि उन्होंने ठेकेदारों को नकद भुगतान (Cash Payments), बैंक प्रविष्टियों और फर्जी रजिस्ट्री (Fake Registry) के जरिए सॉल्वेंसी बनाई थी। इसके साथ ही चैतन्य पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति को संभालने का भी आरोप है।
चैतन्य बघेल और उनके पिता भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल कर अंतरिम राहत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें हाईकोर्ट (High Court) जाने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता सीधे अंतिम राहत नहीं मांग सकता और हर याचिका के लिए उचित मंच और प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि प्रभावशाली लोग सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आते हैं? इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यदि ऐसा होता रहा तो आम आदमी और साधारण वकील के लिए सर्वोच्च अदालत में कोई स्थान नहीं बचेगा।
कोर्ट की सख्ती और ईडी की जांच जारी

ईडी की जांच में त्रिलोक सिंह ढिल्लों और अन्य आरोपियों के साथ चैतन्य बघेल की मिलीभगत की बात सामने आई है। जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य को बघेल परिवार के लिए धन हस्तांतरण (Money Transfer) में अहम भूमिका निभाते हुए देखा गया है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को भी बड़ी मात्रा में POC हस्तांतरित किया गया।
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Chhattisgarh Liquor Scamईडी ने इससे पहले इस घोटाले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लों और अन्य को गिरफ्तार किया था। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। वहीं, इस पूरे घोटाले की जांच और गहराई से की जा रही है ताकि अवैध संपत्तियों की पूरी श्रृंखला को उजागर किया जा सके।