Chhattisgarh Top news: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की होगी Online Attendance, GPS के जरिए होगी मॉनिटरिंग…

Chhattisgarh Top news बहुत जल्द शिक्षकों को स्कूलों में समय पर मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए एक एप आने वाला है। सरकार ने विद्या समीक्षा केंद्र के तहत जीपीएस आधारित अटेंडेंस एप की टेस्टिंग शुरू की है। अभी यह रायपुर के 50 स्कूलों में लागू किया गया है। एप लागू होने के बाद शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र हाजिरी, अवकाश और कक्षा संचालन को डिजिटली ट्रैक किया जा सकेगा।
अब तक इस तरह के एप का प्रयोग मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी की उपस्थिति देखने के लिए किया जाता है। सरकारी स्कूलों में सबसे बड़ी दिक्कत शिक्षकों की उपस्थिति है। स्कूलों से आए दिन शिकायतें आती रहती हैं कि शिक्षक समय पर नहीं पहुंचते। अक्सर अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के कारण स्कूल के बच्चों का नुकसान होता है। इसलिए स्कूलों में शिक्षकों के हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए एप लाया जा रहा है। शिक्षक अपनी अटेंडेंस मोबाइल के जरिए दर्ज ही करेंगे, जिसकी पुष्टि जीपीएस लोकेशन से की जाएगी। स्कूल का लोकेशन पहले से एप में दर्ज होगा। जब शिक्षक स्कूल परिसर के 50-100 मीटर के दायरे में पहुंचेगा तभी उनकी हाजिरी लग सकेगी
प्रतिदिन छात्र उपस्थिति दर्ज करने, छुट्टी या ऑन-ड्यूटी का अनुरोध भेजने का कार्य भी इसी माध्यम से कर सकेंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस एप में रोल बेस्ड लॉगिन की सुविधा है। मतलब उपयोगकर्ता को केवल उसकी भूमिका के अनुरूप ही विकल्प दिखाई देंगे। स्कूल के प्राचार्य या प्रधान पाठक पूरे स्टाफ की उपस्थिति, अवकाश की स्थिति और कक्षा संचालन की निगरानी अपने मोबाइल से कर सकेंगे। एप से रिपोर्ट डाउनलोड कर सकेंगे और नोटिस भी जारी कर सकेंगे। यह डिजिटल निगरानी प्रणाली शिक्षकों की जवाबदेही और छात्रों की उपस्थिति सुदृढ़ करने के लिए है।
read more Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस में मचा हड़कंप
स्कूल जाना ही होगा
Chhattisgarh Top news पहले भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस की शुरुआत की गई थी। तब एक डिवाइस इसी काम के लिए स्कूलों को दिया गया था। अब यह डिवाइस कचरे के ढेर में पड़ा है। इस बार एक कदम आगे बढक़र एप लाया गया है। यह एप स्कूल के 50-100 मीटर की परिधि में ही आकर ही एक्टिव होगा। टीचर्स को घर में बैठकर ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगा सकेंगे। एप के जरिए शिक्षकों और छात्रों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किए जाने की जानकारी मिल रही है। नए सिस्टम के तहत प्रिंसिपल की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। इससे उपस्थिति में गड़बड़ी, लेटलतीफी और छुट्टियों के गलत इस्तेमाल पर लगाम लगेगी।