आज बलभद्र और सुभद्रा संग भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

आज बलभद्र और सुभद्रा संग भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

जगन्नाथ रथ यात्रा को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र और पुण्यदायक माना गया है. मान्यता है कि इस यात्रा में भाग लेने या रथ को खींचने से व्यक्ति के समस्त पापों का नष्ट हो जाता है

श्रद्धालु लाखों की संख्या में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचने के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने से जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलता है

राजा रामचन्द्रदेव ने यवन महिला से विवाह कर जब इस्लाम धर्म अपना लिया तो उनका मंदिर में प्रवेश निषेध हो गया था तब उनके लिए ही यह यात्रा निकाली जाने लगी क्योंकि वे जगन्नाथ जी के अनन्य भक्त थे

रथ यात्रा या "रथों का उत्सव" ओडिशा के पुरी में एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इसकी शुरुआत 12वीं शताब्दी में हुई थी और यह भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। यह त्यौहार इन देवताओं की अपने मंदिर से दूसरे मंदिर तक की यात्रा के बारे में है, जो उनकी मौसी के घर की यात्रा का प्रतीक है।