Liquor Scam Case: शराब घोटाले में ACB/EOW की बड़ी करवाई, रायपुर के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को झारखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार….

Liquor Scam Case: झारखंड एसीबी ने छत्तीसगढ़ के शराब कारोबार से जुड़े कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया है। पुख्ता सूचना के मुताबिक, झारखंड ACB की टीम ने सिद्धार्थ सिंघानिया को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया है। जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड लेकर उसे रांची ACB की कोर्ट के पेशी के लिए लाए जाने की तैयारी की जा रही है। सिद्धार्थ के खिलाफ ACB ने पिछले दिनों गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था। इससे पहले एसीबी ने निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी और नेक्सजेन के मालिक विनय कुमार सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट वारंट लिया था।
शराब घोटाला मामले में जारी है कार्रवाई
Liquor Scam Case: आपको बता दें कि झारखंड शराब घोटाला मामले में एसीबी की लगातार कार्रवाई जारी है। इससे पहले मंगलवार 17 जून को एसीबी की टीम ने पूर्व उत्पाद कमिश्नर अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करने के बाद अमित प्रकाश से एसीबी मुख्यालय में पूछताछ की गयी थी। इस मामले में एसीबी की टीम विनय चौबे , गजेंद्र सिंह, सुधीर कुमार, सुधीर कुमार दास, नीरज कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह और अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल ACB/EOW झारखंड आरोपी सिद्धार्थ को झारखंड कोर्ट में पेशकर पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
झारखंड शराब घोटाला क्या है?
यह झारखंड में सरकारी शराब नीति के तहत हुए बड़े भ्रष्टाचार और कई करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा मामला है, जिसमें सरकारी अफसरों और व्यापारियों की मिलीभगत सामने आई है।
सिद्धार्थ सिंघानिया कौन है और उसकी क्या भूमिका है?
सिद्धार्थ सिंघानिया छत्तीसगढ़ का शराब कारोबारी है। ACB के अनुसार, वह झारखंड शराब घोटाले में वित्तीय लेन-देन और नेटवर्किंग में शामिल था।
झारखंड शराब घोटाला में अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है?
अब तक 7 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कई वरिष्ठ अफसर, कारोबारी और सरकारी पदाधिकारी शामिल हैं।
क्या सिद्धार्थ सिंघानिया को रांची ले जाया गया है?
हां, ACB की टीम ने ट्रांजिट रिमांड लेकर उसे रांची कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
झारखंड शराब घोटाले की जांच कौन कर रहा है?
Liquor Scam Caseइस घोटाले की जांच झारखंड की ACB (Anti-Corruption Bureau) और EOW (Economic Offences Wing) मिलकर कर रहे हैं।