“हनीट्रैप केस” का बड़ा खुलासा, ‘Ravina Tandan’ और छत्तीसगढ़ के इस पत्रकार का नाम आया सामने
Cg News: छतीसगढ़/ बौलादाबाजार में एक ऐसे केस सामने आयी है जिसे सुन आपके होस उड़ जाएंगे। हनीट्रैप केस पहले अब तक फिल्मों में और मीडिया की सुर्खियों में देखे थे. लेकिन इस मामले Raveena Tandon समेत कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके है. वहीं अब इस मामले में पत्रकार आशीष शुक्ला का नाम आया है.जो एक वेब पोर्टल संचालित करता है. पुलिस के मुताबिक हुस्न के जाल में लड़कियां जिसे फंसाती थी उससे पहले ये गिरोह वसूली करता था और फिर ज्यादा पैसों की डिमांड होती और बात नहीं बनती तो इसमें पत्रकार की एंट्री होती थी और वे वसूली करने पहुंचते थे.
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मामले का खुलासा
जानकारी से पता चला है कि दो पत्रकारों के बीच वसूली के पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद ये पूरा मामला खुला है.
फरार आरोपी पत्रकार आशीष शुक्ला
सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट किये गए तश्वीर का भांडा – फूटा
ये जो Facebook पर लड़कियां पोस्ट करती थी हॉट फोटोज यह अपने हुस्न के जाल में फंसाने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट में हॉट फोटोज शेयर करते थे.
हालांकि खुलासा बाद ज्यादातर आरोपियों के अकाउंट लॉक कर हो गए है. हालांकि एक आरोपी दुर्गा टंडन के सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट की गई तस्वीरें सामने आई थी.
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मास्टर माइंड शिरीष पांडेय और पुष्पमाला फेंकर शहर के धनाढ्य लोगों को चिन्हित करते. शिरीष नेता था. बड़े लोगों के साथ उठना- बैठना था. बताते हैं कि उसने अपने बहुत से पहचान वालों को भी निशाना बनाया था. इन्हीं के इशारों पर आगे ब्लैकमेलिंग और वसूली को अंजाम दिया जाता था.
मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया व दुर्गा टंडन
बाहर से आने वाली लड़कियों के शहर में रहने-खाने का इंतजाम करते थे. लड़की को ग्राहक के लिए शहर से मिलवाने से लेकर उसे झूठी रिपोर्ट के लिए थाने तक ले जाने में भी इनकी अहम भूमिका रहती थी. कुल मिलाकर मिडिएटर का काम करते थे.
हीराकली:- यह रैकेट के लिए अलग- अलग जगहों से लड़कियों का इंतजाम करने का काम करती थी. टारगेट प्वॉइंट को फंसाने के लिए क्या करना है, इसके लिए सारे जरूरी गुणा-भाग करने के आरोप भी हैं.
महान मिश्रा :- यह एक पेशे से वकील है इस मामले में सबसे पहले इसी को गिरफ्तार किया गया था. अपनी पहुंच का रुतबा दिखाकर उगाही गई रकम को संभालने और बांटने का पूरी जिम्मेदारी इसी पर था.
वेब पोर्टल का राइटर आशीष शुक्ला लोगों को बदनामी का डर दिखाकर वसूली करता था. इसने प्रार्थी से 1.25 लाख रुपए की मांग की थी. प्रार्थी ने 75 हजार रुपए उसे उसकी दुकान पर जाकर दिए थे.
सूत्रों के मुताबिक:- बड़ा खुलासा
फिलहाल में गिरफ्तार हुए सिटी कोतवाली का हवलदार अंजोर मांझी. ज्यादातर मामलों में लोग ब्लैकमेल नहीं होते, तो लड़कियों को सुनियोजित तरीके से थाने भेजा जाता. यहां अंजोर एफआईआर का डर दिखाकर लोगों को पैसे का लेन-देन कर समझौता करने के लिए मजबूर करता था.
इस रैकेट में कुछ और पुलिसवाले भी इनवॉल्व हैं. इस कार्रवाई के बाद नगर में चर्चा है कि इसमें संलिप्त दूसरे पुलिसवालों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.