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इस शानदार तरीके से स्वयं करिये हरी खाद का निर्माण, फायदे जानकर हो जाओगे हैरान, जाने पूरी जानकारी

इस शानदार तरीके से स्वयं करिये हरी खाद का निर्माण, फायदे जानकर हो जाओगे हैरान, जाने पूरी जानकारी, नमस्कार किसान भाइयों आप सभी को तो पता ही है कि सभी फसलों की अच्छी और तगड़ी पैदावार के लिए आपको खेत की मिट्टी को उपजाऊ क्षमता बनाने के लिए खेत में सही तरीके की खाद डालना बहुत आवश्यक है. तो साथियों आज हम आपको हरी खाद बनाने के बारे में जानकारी देने वाले हैं. अगर आपको पता ना हो तो हम आपको बता दें कि आपकी खेत की दुगनी पैदावार के लिए हरी खाद बहुत ज्यादा आवश्यक होती है. इससे आपको कई ज्यादा पैदावार मिलती है जिससे कि आपको तगड़ा मुनाफा भी होता है. दोस्तों इस खाद का निर्माण करना काफी आसान है इसलिए लिए हमारे आर्टिकल के माध्यम से इसे बनाने की सारी विधियों को जानते हैं.

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तो किसान भाइयों सबसे पहले तो हम आपको इसके फायदे गिनवा देते हैं. दोस्तों अगर आप आपके खेत में हरी खाद डालते हैं तो मिट्टी की कई तरह के के पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है जिससे कि आपको पैदावार में दुगना लाभ होने लगता है. इसी के साथ हरी खाद एक ऐसी खाद है जो मिट्टी के अंदर जैविक तत्व और पानी सूखने की क्षमता को भी बढ़ा देती है. इतना ही नहीं यह खाद आपकी मिट्टी को भुरभुरी बनती है और मिट्टी में डालने से वायु का संचार यानी हवा का आना-जाना भी काफी अच्छा बना रहता है जिससे सूक्ष्मजीवों में वृद्धि भी होती है. और आपको तो पता ही है कि सूक्ष्म जीव हमारी फसलों के लिए कितने ज्यादा आवश्यक होते हैं. वहीं पर इस खाद की एक विशेष विशेषता है जिससे किआपकी फसल मैं रोग लगने की संभावना भी काफी हद तक काम हो जाती है. जिससे आपकी फसल ज्यादा खराब नहीं होती है.

इस शानदार तरीके से स्वयं करिये हरी खाद का निर्माण, फायदे जानकर हो जाओगे हैरान, जाने पूरी जानकारी

दोस्तों आपको बता दे की हरी खाद को कई सारे किसान भाई अपनी दुगनी पैदावार के लिए इस्तेमाल करते हैं. अभी के समय पर कई सारे किसान भाई अपने खेतों में रासायनिक खाद और कई सारे कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं. दोस्तों आपको इससे पैदावार तो अच्छी देखने को मिल जाती है लेकिन मिट्टी की उर्वरता क्षमता खत्म होते जा रही है. इसलिए यह मिट्टी के लिए काफी आवश्यक खाद मानी जाती है. दोस्तों इस खाद का प्रयोग कई तरह की फसलों में किया जाता है लेकिन किसान इस मुख्य रूप से दलहनी फसलों में उपयोग करते हैं. किसान भाई मुख्य रूप से सनई,ढेचा, उर्द, मूंग,अरहर, चना, मसूर,मटर, लोबिया, खेसारी और कुलथी मैं इसका प्रयोग करते हैं. वहीं पर कई सारे किसान भाई इस खाद का उपयोग झाड़ियां और पौधों की पत्तियों और टहनियों को भी उपयोग में ला सकते हैं. लेकिन आपको बता दे कि इसके लिए मुख्य रूप से आपको ढांचा फसलों का उपयोग करना होता है.

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दोस्तों अब बात आती है खाद बनाने की तो सबसे पहले तो आपको बता देते हैं कि किस को खेत में गेहूं की कटाई के बाद अप्रैल से में के बीच खेत में सिंचाई कर पानी में ढेचा का बीच छितरा कर लेना चाहिए. वहीं पर इसके 10 से 15 दिनों के बाद ढ़ेचा फसल की हल्की सिंचाई शुरू कर दें. किसान भाइयों खेत में करीब 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया का छिड़काव कर दे. इससे होता यह है कि नेटवर्क बनने में सहायता मिल जाती है और फिर किसानों को खेत में करीब 55 से 60 दिनों में हल चला देना चाहिए. इसके बाद इसका काम पूरा हो जाता है. ऐसा करने से आपको पक्का ही फसल में दुगनी पैदावार देखने को मिलने वाली है.

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