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जानिए अदरक की खेती का सबसे सही और सटीक तरीका, प्रति हेक्टेयर होगा 150 से 200 क्विंटल तक का उत्पादन

जानिए अदरक की खेती का सबसे सही और सटीक तरीका, प्रति हेक्टेयर होगा 150 से 200 क्विंटल तक का उत्पादन,तो दोस्तों आपको तो पता ही है कि अदरक एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि फसल है. जो कि हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही काम की चीज है. इसमें आपको कैल्शियम,मैंगनीज,फास्फोरस, जिंक और विटामिन सी जैसे कई सारे गुण देखने को मिल जाता है.आपको बता दे कि भारत के हर रसोई घर में आपको अदरक का उपयोग देखने को मिलता है और यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. वहीं पर दूसरी और अदरक से बनी साउंड का भाव भी इससे ज्यादा होता है. भारतीय बाजार में इसकी साल भर डिमांड बनी रहती है जिससे कि किसान भाई इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आई आपको इसकी खेती का उचित तरीका बताते हैं.

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दोस्तों अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आपको बता दे कि इसकी सबसे फायदेमंद खेती बलुई और टोमेट मिट्टी को माना जाता है. इस मिट्टी में आपको इसकी अधिक पैदावार और सही विकास देखने को मिलता है. आपको बता दे कि इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. साथी आपको बता दे की अदरक के पौधे के लिए आपको 25 से 35 सेल्सियस तक का तापमान आवश्यक होता है. वहीं पर इस पौधे की सही नमी और सही सिंचाई के जरूरत होती है. अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आपको बता दे की अदरक को बोने का काम मार्च से अप्रैल में किया जाता है और इसका उत्पादन अक्टूबर से नवंबर के दौरान देखने को मिल जाता है. इस समय पर या पूरी तरीके से पैक कर तैयार हो जाते हैं जिसे की किसान भाई बाजारों में भेज सकते हैं.

जानिए अदरक की खेती का सबसे सही और सटीक तरीका, प्रति हेक्टेयर होगा 150 से 200 क्विंटल तक का उत्पादन

तो दोस्तों अगर आप भी अदरक की खेती में दुगनी पैदावार चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने खेत में गोबर के खाद का प्रयोग करना आवश्यक है. आपको बता दे की गोबर का खाद हर किसी फसल के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. सबसे पहले आप सादे गोबर की खान को या तो नीम की खली और वर्मी कंपोस्ट को अच्छे से खेत की मिट्टी में मिला दें. साथ ही इसके बाद आपको मिट्टी को पूरी तरीके से समतल बना देना है और इसमें आपको छोटी-छोटी क्यारी में बांट लेना है. आप इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दो से तीन क्विंटल बीज का उपयोग कर सकते हैं. साथियों आपको बता दे कि दक्षिण भारत में अदरक की बुवाई का समय मार्च और अप्रैल है और इसके बाद एक सिंचाई की जाती है.

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दोस्तों आप बात आते हैं इससे होने वाले लाभ की तो आपको बता दे की बीच की बुवाई के 8 से 9 महीने के बाद इसकी फसल पूरी तरीके से तैयार हो जाती हैं. जिस की किसानों के द्वारा बाजारों में बेचा जा सकता है. अगर कोई किसान भाई इसकी खेती करता है तो आपको बता देगी प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसान भाइयों को 150 से 200 क्विंटल का उत्पादन देखने को मिल जाता है. किसी के साथ आपको बता दे कि भारतीय बाजारों में इसकी कीमत 40 रुपए प्रति किलोग्राम है. अगर कोई किसान भाई एक हेक्टेयर में इसकी खेती करता है तो वहां इससे लगभग 3.5 से 4 लाख रुपए तक की कमाई कर सकता है.

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