शिकार के लिए बिछाए तार ने ली हथिनी की जान

Raigarh Chhal news वन्य प्राणियों के शिकार और फसलों को जानवरों से सुरक्षित रखने बिछाए गए बिजली तार की चपेट में आने से एक हथिनी की मौत की मौत हो गई। धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल वन परिक्षेत्र के बेहरामार बीट में सोमवार शाम को शव मिला। शव तीन-चार दिन पुराना बताया जा रहा है। वन विभाग के अफसरों को जानकारी मिलने के बाद मौके टीम मौके पर पहुंची। जरूरी औपचारिकताओं के बाद जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक लगभग 30 साल की हथिनी का शव बेहरामार बीट में मिला है। मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम डॉक्टरों के साथ पहुंची और पोस्टमार्टम किया गया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि हथिनी की मौत करंट से हुई है। हथिनी के शव के लगभग 500 मीटर दूर तीन मवेशियों के भी शव मिले हैं। उनकी मौत भी करंट की चपेट में आने से होना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि किसान द्वारा लगाई गई तारों की बाड़ और उसमें करंट प्रवाहित किए जाने से हादसा हुआ है। हथिनी वहां से गुजरती हुई तार को छू गई। इस दौरान करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। वन विभाग ने पुलिस को भी सूचना दी है। ऐसे में मामले में कुछ लोगों की पहले गिरफ्तारी भी हो चुकी है लेकिन जंगली इलाकों में किसान तार लगाने और करंट छोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं।
बेहरामार बीट में पहले भी करंट से गई है हाथी की जान बेहरामार बीट में जून 2020 में भी एक किसान द्वारा बिछाए गए तार के करंट से हाथी की मौत हुई थी। 9 सितंबर के महीने में मेढरमार में हाथी की मौत किसान द्वारा तार की बाड़ी डालकर करंट लगाने से हुई थी।
Raigarh Chhal news 11 अक्टूबर को बायसी कॉलोनी के नजदीक हाई टेंशन लाइन के नीचे झूलते तार की चपेट में आकर दंतैल की मौत हुई थी। धरमजयगढ़ इलाके में वन्य प्राणियों के शिकार और हाथी प्रभावित क्षेत्रों में किसान फसल की सुरक्षा के नाम पर तार की फेंसिंग कर उसमें करंट लगाते हैं। इससे हाथी के साथ ही कुछ इंसानों की भी जान जा चुकी है। वन विभाग कार्रवाई भी करता है लेकिन ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है।