पटरी पर उतरी भगवा वंदे भारत; फीचर्स में हुए कई बदलाव, देखिए पहली झलक…

Bhagwa Vande Bharat Express: भारतीय रेलवे देश के अलग-अलग रूट पर नई नारंगी और ग्रे थीम वाली वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ाने की तैयारी कर रहा है. इस दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे ने नई वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा निर्मित नई रेक का चेन्नई में पहले परीक्षण से पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण किया.
नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ट्रायल रन ICE और पाडी रेलवे फ्लाईओवर के बीच रूट पर किया गया. गौरतलब है कि आईसीएफ द्वारा निर्मित वंदे भारत एक्सप्रेस की यह 33वीं रेक है. ट्रेन के फीचर्स में भी कई बदलाव किए गए हैं. आइये आपको बताते हैं नई वंदे भारत एक्सप्रेस में किए गए बदलावों के बारे में..
सीट पहले से आरामदायक और गद्देदार होगी.
-सीट का रिक्लाइनिंग ऐंगल भी बढ़ाया गया.
-वॉशबेसिन की गहराई ज्यादा होगी.
-चार्जिंग पॉइंट पहले से और बेहतर होगी.
-एग्जिक्यूटिव क्लास में सीट का रंग लाल से सुनहरा नीला होगा.
-टॉयलेट्स में लाइट 1.5 से बढ़ाकर 2.5 वॉट की गई.
-पर्दे पहले से ज्यादा मजबूत और कम ट्रांसपेरेंट.
-टैप में पानी का फ्लो भी बेहतर होगा.
-टॉयलेट के हैंडल फ्लेक्सिबल होंगे.
-बेहतर एसी के लिए एयर टाइटनेस को बढ़ाया गया है.
वर्तमान में, वंदे भारत एक्सप्रेस भारत में 25 मार्गों पर दौड़ रही है. यह अलग-अलग रेलवे क्षेत्रों में कई राजधानी शहरों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ती है. वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़े कुछ प्रमुख शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, भोपाल, लखनऊ, गांधीनगर, तिरूपति, विशाखापत्तनम, मैसूरु, हावड़ा, न्यू जलपाईगुड़ी, शिरडी, कोयंबटूर, गुवाहाटी, देहरादून, जयपुर, जोधपुर, तिरुवनंतपुरम शामिल हैं.
15 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की थी. पहली वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलती है. “मेक इन इंडिया” के तहत इसका प्रोडक्शन चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में किया गया था.
Bhagwa Vande Bharat Expressइस बीच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस लॉन्च करने की भी तैयारी कर रही है. इन नए कोचों का उद्देश्य रात भर की यात्रा में बदलाव लाना होगा. इसके अलावा, उम्मीदें यह हैं कि ट्रेनें अंततः कई रेलवे क्षेत्रों में राजधानी एक्सप्रेस की जगह ले लेंगी. इन रेक का उत्पादन रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) और रूस की टीएमएच द्वारा संभाला जाएगा.



