8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए GOOD NEWS! सैलरी में 80 प्रतिशत होगी बढ़ोतरी! जल्द होगा ऐलान

8th Pay Commission सरकारी कर्मचारियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. केंद्र सरकार अगले हफ्ते 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन कर सकती है. यह कदम बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले और कैबिनेट की मंजूरी के लगभग दस महीने बाद उठाया जा रहा है.
यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों यानी लगभग 1 करोड़ 18 लाख (11.8 मिलियन) लोगों के लिए नए वेतन और पेंशन नियम तय करने की सिफारिश करेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने आयोग के Terms of Reference (ToR) यानी कार्यक्षेत्र, अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय कर लिए हैं, जो हर दस साल में होने वाले वेतन और पेंशन संशोधन की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.
यह कदम पहले के वेतन आयोगों की तुलना में लगभग एक साल की देरी से लिया जा रहा है. आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में 6 से 12 महीने का समय लग सकता है. रिपोर्ट लागू होने के बाद इसके प्रभाव 1 जनवरी 2026 से पिछली तारीख से माने जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी. सरकार ने इस प्रक्रिया में राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) सहित सभी प्रमुख हितधारकों से सुझाव भी लिए हैं.
वेतन आयोग के असर
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होती है, जिससे खपत बढ़ती है. लेकिन साथ ही, इसका राज्य सरकारों, PSUs और केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है, क्योंकि वेतन संशोधन आमतौर पर केंद्र के अनुरूप ही किए जाते हैं. हालांकि, वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार पर बाध्यकारी नहीं होतीं, लेकिन ज्यादातर मामलों में उन्हें थोड़े बहुत बदलावों के साथ स्वीकार किया जाता है. आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों, पेंशन और अन्य लाभों पर सलाह देता है.
कितनी बढ़ सकती है सैलरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 1.8 गुना फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू करने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के बेसिक पे में लगभग 80% तक की वृद्धि संभव है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।
7वें वेतन आयोग का उदाहरण
7वां केंद्रीय वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था, जिसे 18 महीने का समय दिया गया था. यह 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ और इससे वेतन और पेंशन में 23.55% की बढ़ोतरी हुई. इससे सरकार पर सालाना लगभग 1.02 लाख करोड़ रुपये (GDP का 0.65%) का अतिरिक्त बोझ पड़ा, जिसके कारण वित्तीय घाटा को 3.9% से घटाकर 3.5% तक लाना मुश्किल हो गया.
8वें वेतन आयोग का वित्तीय असर
8th Pay Commission8वें वेतन आयोग का असर नए मीडियम-टर्म फिस्कल रोडमैप और 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों में जोड़ा जाएगा. 16वां वित्त आयोग FY27 से FY31 (20272031) के लिए राज्यों को टैक्स शेयरिंग और ग्रांट्स तय करेगा. इसके साथ ही, राज्य सरकारों के लाखों कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे, क्योंकि वेतन सुधार के लिए वे आमतौर पर केंद्र सरकार के वेतन आयोग का अनुसरण करते हैं.



