रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

*✍️जिले के कप्तान SP संतोष कुमार सिंह को कभी नहीं भूल पाएंगे रायगढ़ जिला के वासियों, सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा SP संतोष कुमार सिंह का कार्यकाल, एक नजर पढ़े उनकी कार्यकाल को…!!!*

RGHNEWS प्रशांत तिवारी सृष्टि में आने व जाने का प्राकृतिक विधान सरकारी महकमो में लागू होता है l आने वाले अफसर एक दिन चले जाते है आने जाने की सतत प्रक्रिया में कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इतिहास रच जाते है l बतौर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंग का दो वर्षीय कार्यकाल पुलिस महकमे के प्रति असम संतुष्टि का गवाह बना l छग गठन के बाद जितने भी पुलिस अधीक्षको का कार्यकाल रहा उसमे संतोष सिंग का कार्यकाल सर्वाधिक चर्चा में रहा l दो वर्षीय कार्यकाल में लगभग एक बरस का कार्यकाल कोरोना से प्रभावित रहा l पहली व दूसरी लहर में लॉक डाउन के दौरान पुलिस महकमे को देवदूत की भूमिका में लाने वाले मुखिया संतोष सिंग की उपलब्धियों के लिए शब्द भी कम है l जहाँ भी उनकी पदस्थापना रही उन्होंने इतिहास रचा l कार्यपालिका हो या न्यायपालिका या फिर आम जनता पुलिस को सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना होता है l पुलिस पर चौतरफा कार्य का दबाव रहता है l मीडिया…

जनता से लेकर नेता सभी के निशाने पर पुलिस महकमा रहता है l पुलिस पर सत्ता के दवाब में रहने का आरोप भी लगता है लेकिन संतोष सिंग का कार्यकाल इन आरोपों से भी परे रहा l उंन्होने कार्य के दौरान ऐसा कोई गैप नही छोड़ा जिसे लेकर उन पर उंगली उठाई जा सके l पुराने मामलों की तामीली हो या फिर तात्कालिक घटना के आरोपियों को पकड़ना हो या फिर कबाड़ कोयला सटोरियों ओर कार्यवाही का मामला हो उनका कार्यकाल शानदार पुलिसिंग का गवाह रहा l कार्यकाल के दौरान वे कभी विपक्ष के निशाने पर नही रहे l सही मायने में दो बरस के कार्यकाल के दौरान पुलिस विभाग की दागदार छवि को चमकाने में वे सफल पुलिस कप्तान साबित हुए l दरअसल पुलिस के वर्दी का ख़ौफ़ व डंडे की धमक पुलिस के सामाजिक पक्ष को स्थापित करने में बाधक है लेकिन उन्होने इस मिथक को भी तोड़ा है l छग गठन के बाद संतोष सिंग की पदस्थापना 20 अगस्त 2019 को 17 वे पुलिस अधीक्षक के रूप में महासमुंद से रायगढ में हुई थी l 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी संतोष सिंह इस जिले में पुलिस कप्तान का पदभार संभालने के पहले दुर्ग, कोंडागांव, सुकमा और नारायणपुर जिले जैसे नक्सल क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं l

 

 

अपराध हत्या बलात्कार डकैती लूट पर उनके द्वारा की गई कार्यवाही की फेहरिश्त लंबी है l संतोष सिंह के नेतृत्व में रायगढ पुलिस को डीजीपी छत्तीशगढ़ द्वारा तीन बार इंद्रधनुष सम्मान मिला कार्यो के लिए सत्ता व विपक्ष की मौजूदगी में प्रदेश की सर्वोच्च संस्था विधान सभा मे कार्यो की प्रसंसा हुई l कोरोना संकट के दौरान 6 घंटे में 12.37 लाख मास्क निःशुल्क वितरित किये गए l ये बंधन है रक्षा सूत्र का…इस अभियान ने रिकार्ड बनाया l लॉक डॉउन के दौरान हेल्पडेस्क बनाकर मदद की गई और 35 हजार मुसाफ़िरो को भोजन वितरित किया गया lपुसौर क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के लिए सन्तोष सिंह मानो देवदूत की भूमिका में आ गए थे l बुजुर्गों के मदद के लिए विशेष अभियान चलाया तो बच्चो को पढ़ने के लिए निःशुल्क मोबाइल वितरित किये गए l

 

 

पुलिस महकमे ने रक्तदान दिया l सोशल पुलिसिंग की बुनियाद को मबजूत करने उनका नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगा l महासमुंद में पदस्थापना के दौरान उप राष्ट्रपति के हाथों चेपीयन्स ऑफ चेंज एवार्ड से सम्मानित किया गया यह पुरस्कार बच्चो को सशक्त बनाने उनकड प्रति अपराधों में कमी लाने के प्रायसो हेतु दिया गया l बाल मित्र पुलिसिंग हमार पुलिस हमार संग में 41 हजार 170 बच्चो को सेल्फ डिफेंस सिखाया गया l यह आयोजन गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया l सामाजिक कार्यो के साथ साथ उनके कार्यकाल के दौरान बड़ी मात्रा में चोरी गए मोबाइलो की बरामदगी क्रेशर जगत में रायलटी के मामले में चारसौबीसी का मामला पंजीबद्ध लाखा गेरवानी मार्ग पर एक करोड़ की लागत का 325 टन कबाड़ की जब्ती सरिया क्षेत्र से 68 सायकल चोरी करने वाले नकुल साहू की गिरफ्तारी किरोड़ीमल एटीम में लूट के साथ हत्या के मामले में 10 घण्टे में आरोपियों की गिरफ्तारी संबलपुरी डबल मिस्ट्री हत्या के मामले में निकटवर्ती राज्य ओड़िसा के बीजद विधायक की गिरफ्तारी खरसिया में शिवांश के अपहरण के मामले के अपहरणकर्ता की गिरफ्तारी व बच्चे की सकुशल वापसी जैसे बड़े कार्य किये गए l कार्य मे लापरवाही के लिए कई विभागीय मातहतों को उनकी सख्ती का शिकार भी होना पड़ा

 

 

l पुराने मामलों की खोज, नए मामले के आरोपियों को पकड़ने के साथ साथ संतोष सिंग ने पुलिस विभाग की सामाजिक छवि को निखारने में बड़ी सफलता पाई है l समाज सेवा की ऐतिहासिक लकीर खींचने में वे कामयाब रहे l कम उम्र में ही ऐसे कार्य छग पुलिस में उंन्हे कुशाग्र कप्तान के रूप में स्थापित करती है l दरअसल उनकी कार्यशैली *कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन* के सिद्धांत पर निर्भर रही है l विदाई बहते आँसुओं की गवाह बन जाती है l उनके जानें की घड़ी में शब्द मौन होना चाहते है l आप जहाँ भी रहेंगे सदा मधुर स्मृतियों से जुड़े रहेंगे l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button