देश

22 जनवरी को इस राज्य के 34 हजार मंदिरों में होगी विशेष पूजा,BJP ने कह दी ये बात

Karnataka temples on Prana Pratistha : बेंगलुरु। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। परिवहन व्यवस्था को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। तो वहीं सुरक्षा को लेकर अयोध्या नगरी सीसीटीवी कैमरों से लैस हो रही है। बता दें कि हिंदू संगठनों और बीजेपी की सरकार ने 22 जनवरी का दिन दिवाली की तरह मनाने का आग्रह किया है। इस दिन देश के सभी मंदिरों में दीप जलाकर खास पूजन होगा। साथ ही घरों में रामलला का पूजन कर स्वागत किया जाएगा। इस बीच कर्नाटक के 34 हजार मंदिरों में 22 जनवरी को विशेष पूजा आयोजित करने का आदेश दिया गया है।

कर्नाटक सरकार के मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने बताया है कि सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें राज्य के 34 हजार मंदिरों में 22 जनवरी को विशेष पूजा आयोजित करने का आदेश दिया गया है। 22 जनवरी को ही अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने भी खुशी जताई है और तंज कसते हुए कहा है कि सरकार को सदबुद्धि आ गई है।

Read more: पति ने पत्नी को Reels बनाने से रोका तो पत्नी सहित ससुराल वालों ने दिया इस खौफनाक घटना को अंजाम…जाने पूरी स्टोरी

बता दें कि, बीते दिनों कर्नाटक पुलिस ने साल 1992 में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान हुए दंगे के मामले में एक हिंदू कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया था। भाजपा ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को बदले की राजनीति से प्रेरित बताते हुए तीखा हमला बोला था। इसे लेकर भाजपा ने बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कांग्रेस सरकार बैकफुट पर दिखी। अब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन राज्य के 34 हजार मंदिरों में विशेष पूजा आयोजित करने के फैसले को उसी कोण से देखा जा रहा है।

भाजपा नेता ने कसा तंज

Karnataka temples on Prana Pratistha भाजपा नेता सीटी रवि ने कर्नाटक सरकार के फैसले पर कहा कि यह अच्छा है और हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने अच्छा फैसला किया है। कांग्रेस को कई साल के बाद सदबुद्धि आ गई है। भगवान राम सभी के हैं…कांग्रेस ने ही भगवान राम को छोड़ दिया था और वह फिर से उनके पास आ रही है। यह देश के लिए अच्छा है।

 

 

Related Articles

Back to top button