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21 सितंबर से खुलेंगे देशभर के स्कूल, इन बातों का रखना होगा ध्यान, केंद्र सरकार ने अहम ऐलान किया,पढ़ें पूरी खबर RGHNEWS के साथ

नई दिल्ली. कोरोना वायरस  से उपजे हालात के बीच अब करीब छह महीने बाद स्कूलों में फिर से छात्र-छात्राओं की चहल-पहल देखने को मिल सकती है. केंद्र सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स की कक्षाओं को दोबारा शुरू करने की छूट दे दी है. इसके तहत 21 सितंबर से नौवीं से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए स्कूल जा सकेंगे. बता दें कि कोरोना वायरस के चलते गत 16 मार्च को स्कूल और कॉलेज समेत देशभर के शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे.

21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई स्कूल में हो सकेगी

दरअसल, केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी जारी की है. इसके तहत सिर्फ 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स ही स्कूल जाकर पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए छात्र-छात्राओं को तय किए गए सभी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा.

50 प्रतिशत टीचर्स आ सकेंगे

केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत स्कूलों में एक बार में 50 प्रतिशत टीचर्स व नॉन टीचिंग स्टाफ को बुलाया जा सकेगा. जिन स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था है, वहां स्टूडेंट्स की हाजिरी के लिए अन्य कोई व्यवस्था करनी होगी. अगर स्कूल छात्रों के लिए वाहन की व्यवस्था करा रहा होगा तो उसे प्रतिदिन नियमित रूप से सैनिटाइज करना होगा.

बरती जाएगी पूरी एहतियात

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की दिशा में स्कूलों को भी एहतियात बरतनी होगी. स्कूलों में थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता होनी जरूरी है. स्कूल में प्रवेश देने से पहले छात्रों समेत पूरे स्टाफ की थर्मल स्कैनिंग करनी होगी. इसके अलावा उनके हाथ भी सैनिटाइज करने होंगे. टीचर्स व अन्य स्टाफ को फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर स्कूल की ओर से मुहैया कराए जाएंगे. रोजाना स्कूल खुलने से पहले पूरा परिसर, सभी कक्षाएं, प्रैक्टिकल लैब और बाथरूम सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सैनिटाइज कराए जाएंगे.

ये नहीं आ सकेंगे स्कूल

कंटेनमेंट जोन के छात्र, शिक्षक व अन्य स्कूल स्टाफ के स्कूल आने पर पाबंदी.
बुजुर्ग, बीमार व गर्भवती महिला स्कूल से दूर रहेंगे.
थर्मल स्कैनिंग में अगर किसी पर कोरोना पॉजिटिव होने का संदेह होता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा और स्वास्थ्य विभाग व पेरेंट्स को इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा.

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