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101 साल के बुजुर्ग का निधन, अंतिम यात्रा में परिजन DJ की धुन पर जमकर नाचे

आपने किसी उम्रदराज पुरुष या महिला की मौत (Death) पर उनकी बैकुंठी निकालते तो देखा होगा.
आपने शायद देखा होगा कि अधिकतम आयु पूरी कर चुके व्यक्ति की मौत पर बहुत से लोग
शोक नहीं मनाते बल्कि बैंड बाजे के साथ उनकी अंतिम यात्रा (Antim yatra) निकालते हैं.

लेकिन शायद आपने यह नहीं देखा होगा कि किसी बुजुर्ग की मौत पर उनके परिजन उनको डीजे
(DJ) की धुन पर नाचते गाते और आतिशबाजी (Fireworks) करते हुये अंतिम संस्कार
के लिये लेकर जा रहे हों. आपकी उम्मीदों से परे राजस्थान में ऐसा भी हुआ है.

जमकर आतिशबाजी की गई

राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके में स्थित करणपुर कस्बे में
क्षेत्र के सबसे उम्रदराज देवलाल राठौर की 101 वर्ष की उम्र में शनिवार को निधन हो गया था.
चकडोल में बुजुर्ग की शव यात्रा डीजे की धुन पर धूमधाम से निकाली गई. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई और परिजन नाचते गाते शमशान घाट पहुंचे. इस अनोखी शव यात्रा को देखकर राह चलते लोगों के पांव ठिठक गये.

अंतिम यात्रा को घर से श्मशान घाट पहुंचने में 4 घंटे लगे

करणपुर कस्बे के पूर्व सरपंच शिवचरण दीक्षित ने बताया कि बुजुर्ग देवलाल राठौर की शव यात्रा फूलों से सजे चकडोल में बैण्ड-बाजे और डीजे धुन पर निकाली गई. कस्बे के बस स्टैंड इलाके में स्थित उनके निवास से अंतिम यात्रा शुरू हुई. इस दौरान परिजन बैंड-बाजे की धुन पर नाचते-गाते और आतिशबाजी करते हुये जश्न मनाते शमशान घाट पहुंचे. अंतिम यात्रा को घर से श्मशान घाट पहुंचने में 4 घंटे लग गए.

जवानी में कोल्हू से कच्ची घानी से तेल निकालने का काम करते थे

इस दौरान परिजनों की आंखों में आंसूओं की जगह खुशी नजर आई. मृतक के पुत्र रामजीलाल ने उन्हें मुखाग्नि दी. देवलाल अपनी जवानी में कोल्हू से कच्ची घानी से तेल निकालने का काम करते थे. देवलाल राठौर की अंतिम यात्रा में गणमान्य लोग भी शामिल हुए और उनको श्रद्धांजलि दी. मृतक के पुत्र रामजीलाल राठौर ने बताया कि बुजुर्ग बुढ़ापे में अपनी सेवा करवाते हैं. लेकिन उनके पिता देवलाल राठौर बुढ़ापे में भी अपने सभी काम खुद ही किया करते थे.

सबसे बड़ी बेटी शांति की उम्र 80 वर्ष से अधिक है

बकौल रामजीलाल पिछले तीन चार माह से वे अस्वस्थ चल रहे थे. शनिवार सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ देर बाद उनका देहांत हो गया. पिछले वर्ष ही उनकी पत्नी काफी देहांत हुआ है. वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. परिवार में 5 दर्जन से अधिक सदस्य हैं. देवलाल के 6 बेटियां और 3 बेटे हैं. उनकी सबसे बड़ी बेटी शांति की उम्र 80 वर्ष से अधिक है

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