*✍️RGHNEWS ब्रेकिंग:-पूर्व राष्ट्रपति का निधन , राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मारीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके निधन पर भारत में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्विटर पर कहा कि भारत-मारीशस संबंधों में उनके ऐतिहासिक योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। सर अनिरुद्ध जगन्नाथ वैश्विक और दूरदर्शी नेता थे। वह पद्म विभूषण और भारत के असाधारण मित्र थे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जगन्नाथ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे आधुनिक मारीशस के वास्तुकार थे। उन्होंने ट्वीट किया कि पद्म विभूषण सर अनिरुद्ध जगन्नाथ एक बड़े राजनेता थे। उनके परिवार और मारीशस के लोगों के प्रति संवेदना। ओम शांति। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी श्रद्धांजलि दी है। भारतीय मूल के अनिरुद्ध जगन्नाथ मारीशस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही पदों पर रहे थे।
यूपी के बलिया जिले के मूल निवासी थे पूर्व राष्ट्रपति के पूर्वज
बता दें कि मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के मूल निवासी थे। बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र का अठिलपुरा गांव उनके पुरखों का निवास स्थान रहा है। गांव वालों के अनुसार उनके पिता विदेशी यादव और चाचा झुलई यादव को अंग्रेजों ने वर्ष 1873 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में जहाज से गन्ने की खेती के लिए मारीशस भेजा था। गिरमिटिया मजदूर से लेकर सत्ता के शीर्ष तक का सफर तय करने वाला परिवार आज मॉरीशस का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार भी माना जाता है।
गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि पूरे भारत में एक दिन के शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज उन सभी इमारतों पर आधा झुका रहेगा जहां नियमित रूप से तिरंगा फहराया जाता है। इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजक कार्यक्रम नहीं होगा।
बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने फैसला किया है कि दिवंगत हस्ती के सम्मान में पूरे भारत में शनिवार को एक दिन का राजकीय शोक रहेगा। जगन्नाथ मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित जगन्नाथ को आधुनिक मॉरीशस का निर्माता राजनेता बताया।मोदी ने कहा था, ‘‘एक गर्वित प्रवासी भारतीय, उन्होंने विशेष द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण में मदद की जो उनकी विरासत से लाभान्वित होंगे।’’



