रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

✍️लॉक डाउन सरीफों के लिए है…यहां राजनीतिक संरक्षण में खनिज माफिया मांड नदी को कर रहे छलनी, उसरौट और तारापुर में धड़ल्ले से चल रहा रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन ✍️


पोकलेन और जेसीबी लगाकर किया जा रहा दो नंबरी धंधा…
प्रशांत तिवारी रायगढ़। मांड नदी में इन दिनों खनिज माफियाओं की ओर से छलनी की जा रही है। उसरौट और तारापुर में पोकलेन और जेसीबी लगाकर यह अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी राजनैतिक आकाओं से लेकर जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी है।
यह नमो कौन है, रेत की तस्करी में बड़ा है इसका नाम
नदी में रेत उत्खनन मैं संलिप्त खनिज माफियाओं के बीच नमो का सिक्का चलता है… आखिर यह नमो है कौन… प्राइस का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड है… इसके सड़क पर किसका हाथ है…। ऐसे कई सवाल हैं जो कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों के कदम रोक देते हैं…।
हर दिन हजारों टन निकाली जा रही रेत…
तारापुर और उसरौट में रोजाना हजारों टन रेत निकाली जा रही है । डंपर वाहनों को आसपास के गांवों में रखा जाता है और जब पोकलेन के माध्यम से पर्याप्त रेप इकट्ठी कर ली जाती है तो इन वाहनों को साइट पर लगा कर उतखनन की गई रेत को भरकर आसपास के उद्योगों और रायगढ़ में चल रहे वाटर मिशन सहित अन्य कार्यों के लिए इस अवैध रेत की सप्लाई की जा रही है।
शिकायत पर पहुंचा खनिज विभाग लेकिन बैरंग लौटा
खनिज विभाग और इन खनिज माफियाओं कि क्या टेलीपैथी है इस बात को कोई नहीं समझ सकता यहां शिकायत हुई नहीं कि खनिज माफिया मौके से गायब हो गए… ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि खनिज विभाग की ओर से कहा जा रहा है। अब ऐसे में इन खनिज तस्करों पर नकेल कौन करेगा राजनीतिक पहुंच और प्रशासनिक हीला हवाली मैं इन खनिज तस्करों के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं। तस्करों की यही हौसले कभी-कभार प्रशासनिक टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं। आपको याद होगा कि सारंगढ़ थाना क्षेत्र के टीमरलगा में खनिज तस्कर अमृत पटेल ने प्रशासनिक टीम पर हमला कर दिया था। यह खनिज तस्कर उसी भस्मासुर के समान है जो पहले राजनीतिक लोगों और अधिकारियों से वरदान प्राप्त करते हैं और फिर उन्हीं को भस्म करने के लिए उनकी ओर दौड़ पड़ते हैं।
क्यों नहीं बनाई गई उत्खनन की गई रेत की जप्ती
खनिज विभाग एक और कार्यवाही की बात कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर जब खनिज अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें उत्खनन की गई रेत बड़ी संख्या में मिली… यदि यह मान भी लिया जाए कि तस्कर वहां से भाग चुका था सभी गाड़ियां रफूचक्कर हो चुकी थी तो वहां पर सैकड़ों टन लावारिस अवस्था में पड़े रेत की जब्ती क्यों नहीं बनाई गई।

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