रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

*✍️बच्चों को तीसरी लहर से बचाने के लिये बरतें सावधानी…. स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी…..!!!*

 

*बच्चों को तीसरी लहर से बचाने के लिये बरतें सावधानी*

*स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी*

रायगढ़, 24 मई2021/ कलेक्टर श्री भीम सिंह के दिशा-निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी के मार्गदर्शन में कोरोना के तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी जारी कर बचाव के लिए रखी जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सो में कोरोना वायरस का प्रसार बहुत तेजी से बढ़ा है, तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच बच्चों की भी बड़ी संख्या में संक्रमित होने की घटनायें सामने आयी। जो दिखाता है कि बच्चों को भी उतना खतरा है जितना बड़ो और बूढ़ो को है। कोरोना के नए वेरियंट के कारण बच्चों को भी सांस लेने में दिक्कत, बुखार न उतरना, दस्त लगना, उल्टी और पेट में दर्द, सूखा खांसी, शरीर और पैर में लाल चकते पडऩा, फटे-फटे होंठ, बच्चे में चिड़चिड़ापन, बच्चे के हाथ पैर में सूजन, मांसपेशियों में दर्द, और ज्यादा नींद आना जैसी समस्या हो रही है।
*बच्चे को हुआ कोरोना तो माता-पिता 8 जरूरी बातों पर विशेष ध्यान दें*-

बच्चों में असामान्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। बच्चे को अपनी तरफ से कोई दवाई न दें। डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को विटामिन डी और जिंक की दवा दें, ये दोनों दवाएं कोविड से लडऩे में कारगर है। खुद से बच्चे का सिटी स्केन न कराएं। बच्चे के साथ रहने वाले व्यक्ति को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और सभी जरूरी नियम अपनाने चाहिए। बच्चे की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आने पर उन्हें अकेला न छोड़े। बच्चे से बार-बार हाथ धोने को कहे उनका हौसला बढ़ाते रहें।

चूकि 18 प्लस वालों का वैक्सीनेशन प्रारंभ हो चुका है, इस बार कोविड में खासकर 18 साल से कम बच्चों को ज्यादा इफेक्ट होने की संभावना है इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चों का इस तरह से विशेष सावधानी व ध्यान रखकर सुरक्षित रखें।

*बच्चे की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आने पर क्या करें*-
बच्चे से दूर अलग कमरें में रहें। माता-पिता मास्क पहनें और बच्चों को भी मास्क पहनने कहें। जब तक माता-पिता बच्चे से दूर रहें उस समय के लिए बच्चे की देखभाल करने वालों की पहचान करें। अलगाव की अवधि के अपने बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करें। अपने बच्चे के साथ मोबाइल फोन के माध्यम से जुड़़े रहें ।

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