सोशल मीडिया के आडम्बर से दूर रहकर डिप्टी कलेक्टर बने गगन शर्मा

Raigarh News Prashant Tiwari रायगढ़, 24 अप्रैल। आज के दौर में भले ही सोशल मीडिया वरदान है, लेकिन इसकी चकाचौंध से जिस तरह युवा पीढ़ी भटक रही है वह सही नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया के आडम्बर से दूर रहकर ही लोग अपना सुनहरा भविष्य गढ़ सकते हैं। वहीं, कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता, बल्कि इसके लिए जुनून और जीवटता बेहद जरूरी है। यह कहना है-तहसीलदार की कमान सम्हाल रहे डिप्टी कलेक्टर गगन शर्मा का।
मूलतः रायपुर निवासी और सीएसपीडीसीएल के जूनियर इंजीनियर प्रभात कुमार शर्मा तथा श्रीमती मंजू शर्मा के घर 9 मई 1988 को गगन का जन्म हुआ। दो भाई और इकलौती बहन में गगन सबसे बड़े हैं। चूंकि, पिताजी विद्युत मण्डल में सेवारत हैं, इसलिए गगन की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा का श्रीगणेश रायगढ़ के बाल मन्दिर, फिर कक्षा चौथी से दसवीं तक की पढ़ाई कार्मेल स्कूल में पूरी की। इसके बाद बिलासपुर के बर्जेस इंग्लिश मीडियम स्कूल में बारहवीं की पढ़ाई 2006 में कम्प्लीट हुई। गगन बचपन से बेहद कुशाग्र मति के धनी हैं इसलिए एनआईटी रायपुर में सिविल इंजीनियर के तौर पर 2010 में कैम्पस सलेक्शन हुआ। चूंकि, गगन सिविल सर्विसेस में जाने का लक्ष्य बना रखे थे, इसलिए दिलों जान से तैयारी भी जुटे रहे। यही वजह रही कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादे के चलते 2011 के यूपीएससी एक्जाम में इनका चयन हुआ। हालांकि 12, 13, 14 के मेंस में कामयाबी का मीठा स्वाद नहीं मिला, फिर भी इन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को पाने आगे बढ़ते रहे।
सेंट्रल एक्साईज इंस्पेक्टर के रूप में मिली पहली नौकरी
2014 में सेंट्रल एक्साईज इंस्पेक्टर के रूप में सलेक्शन होने पर गगन ने मुंबई जाकर बकायदा एक महीने का प्रशिक्षण भी लिया। इस बीच सीजीपीएससी से इंटरव्यू कॉल आते ही किस्मत ने करवट बदली और इंटरव्यू हुआ। इसके बाद गगन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि उज्जवल भविष्य बांहें पसारे उनका इंतजार जो कर रही थी। सिविल सर्विसेज में कदम रखने वाले गगन शर्मा ने महासमुंद जिले के बागबाहरा में 16 अगस्त 2016 को नायब तहसीलदार के रूप में पदभार ग्रहण किया। तदुपरांत, बीते 31 दिसंबर 2021 से रायगढ़ आने वाले गगन शर्मा वर्तमान में तहसीलदार के चार्ज पर हैं।
खाना बनाना और कविता के हैं बेहद शौकीन
युवा अधिकारी गगन शर्मा के दिनचर्या में लॉन्ग टेनिस खेलना और दौड़ना तो शामिल है ही, लेकिन खाली समय में खाना पकाना तथा कविता सुनना इनकी हॉबी है। भोजन में खट्टा पसंद करने के कारण इनको छत्तीसगढ़ी व्यंजन डुबकी और एढ़र इनको खूब भाते हैं। काउंट ऑफ मोंटेक्रीटो फेवरेट बुक है तो रॉजर फ्रेडरल इनके रोल मॉडल हैं। हॉलीवुड एक्टर डेनियल क्रेड और एक्ट्रेस ईवाग्रीन की अदायगी के ये दीवाने हैं। गगन को सकारात्मक सोच रखने वाले लोग पसंद आते हैं और बेवजह दिखावा कर कपट रखने वाले शख्सों से परहेज करते हैं। 2014 में पीएससी सलेक्शन इनके जीवन का सर्वाधिक खुशी के क्षण है तो नाना-नानी का देहांत इनके लिए सबसे दुखद लम्हा है।
रायगढ़ में है फेवरेट सिटी
चूंकि, डिप्टी कलेक्टर गगन शर्मा काफी समय तक रायगढ़ में रहकर पढ़े हैं, इसलिए रायगढ़ इनका फेवरेट सिटी है। यहां की मीठी भाषा, लोगों का अपनापन और सांस्कृतिक धरोहरें इनको अपनी तरफ खींचती है। कला और संस्कारधानी की नगरी अपनी पुरानी बसाहट के कारण भले ही समस्या से मुक्त नहीं हो पा रही, लेकिन इसे सुघ्घर रईगढ़ बनाने के परिकल्पना को साकार करने की दिशा में सबकी सहभागिता जरूरी है।
कलेक्टर की कार्यशैली से काफी कुछ हैं सीखते
गगन बताते हैं कि पहली टीएल मीटिंग में कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि सभी मेहनत से कम करें, जो इनके जेहन में उतर गया। ऐसे में गगन जब खुद को शून्य में पाते हैं तो जिलाधीश की बातें याद आते ही रिचार्ज हो जाते हैं। तहसीलदार पद को चैलेंज मानते हुए गगन की प्राथमिकता आम जनता और प्रशासन के बीच तालमेल बनाना है। इसके लिए दोनों को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है। पीड़ित पक्षकार के कार्य और समस्या के निराकरण लिए प्रशासन हमेशा सजगता बरते तो विवाद की नौबत कभी नहीं आएगी।
सोशल प्लेटफार्म का सावधानी से उपयोग करें युवा
गगन का मानना है कि आज की पीढ़ी सोशल नेटवर्किंग से ग्रसित होकर विकृति की चपेट में हो रही, जो कि खतरनाक है। युवा वर्ग दिग्भ्रमित न हों, बल्कि सोशल प्लेटफार्म का सावधानी से उपयोग करें। उन्होंने यह भी सलाह दिया कि युवा पीढ़ी को यूट्यूब का खुलकर सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि यह ज्ञान का ऐसा गहरा समंदर है, जिसके जीतना अंदर जाओगे, उतना अधिक नॉलेज मिलेगा। खासकर कॉम्पटीशन एक्जाम की तैयारी करने वालों के लिए अब तो यूट्यूब किसी वरदान से कम नहीं है।
स्टेडियम में है खेल की अपार संभावनाएं
रायगढ़ में भी खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए रायगढ़ स्टेडियम किसी सौगात से कम नहीं है। यहां स्टेडियम में जिम, स्वीमिंग पूल से लेकर बड़ा खेल मैदान है तो प्रशिक्षित लोगों की भी कमी नहीं है, लिहाजा इसका सबको फायदा उठाना चाहिए। स्टेडियम के समग्र विकास के लिये सभी वर्ग को आगे आना चाहिए। चूंकि, खेलकूद से तनाव कम रहता है इसलिए जीवन में इसे हर किसी को शामिल करना चाहिए।
स्टूडेंट्स की टीचर चुप न कराएं, जिज्ञासा को शांत करें
Raigarh News गगन भी मानते हैं कि स्कूली बच्चे कक्षा छठवीं से आठवीं तक सामाजिक विज्ञान और राजनीति शास्त्र को अच्छे से पढ़ें और समझें, क्योंकि इनमें जो कुछ गूढ़ जानकारी होती है, वह आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में संजीवनी साबित होती है। शिक्षक भी विद्यार्थियों को डांटकर चुप न कराएं, बल्कि उनको सवाल करने की छूट देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत करें, ताकि स्टूडेंट्स स्वस्थ माहौल में पढ़ाई कर सके। वहीं, अंत मे गगन ने यह भी बताया कि अगर वे एडमिनिस्ट्रेशन में नहीं आते तो शिक्षक बनकर ज्ञान की ज्योति से नौनिहालों को आलोकित करते।