सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन

सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए : सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत को पहली स्वदेशी वैक्सनी मिलने वाली है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, स्वदेशी रूप से विकसित भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन लॉन्च की जाएगी।
गर्भाशय ग्रीवा (सर्विकल) कैंसर की रोकथाम के लिए भारत का प्रथम स्वदेश विकसित ‘क्वैड्रीवैलेंट’ ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीका यहां बृहस्पतिवार को जारी किया जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि ‘एचपीवी’ यौन संबंधों के कारण संचारित होने वाला सबसे सामान्य संक्रमण है। वहीं ‘क्वैड्रीवैलेंट’ टीका चार अलग-अलग वायरस या अन्य सूक्ष्म जीवों जैसे चार विभिन्न एंटीजन के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित कर कार्य करता है।
सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने पिछले महीने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को सर्विकल कैंसर रोधी स्वदेश विकसित टीके के उत्पादन के लिए बाजार मंजूरी दी थी।
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डॉ अरोड़ा कहा, ‘यह वैक्सीन लॉन्च किए जाने वाले अब तक के वैक्सीनों में से प्रमुख वैक्सीन है , जिसको कार्यक्रम में लॉन्च किया जाएगा। अब सर्वाइकल कैंसर के लिए भारतीय वैक्सीन भी उपलब्ध होंगे। मुझे उम्मीद है कि इस वैक्सीन को 9-14 साल की लड़कियों के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में लॉन्च किया जाएगा।’
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह यह टीका आईआईसी दिल्ली में जारी करेंगे। एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, क्वैड्रीवैलेंट एचपीवी टीका सेरवावैक ने एचपीवी के सभी लक्षित प्रकारों के खिलाफ निर्धारित किये गये आधार से करीब 1,000 गुना अधिक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया प्रदर्शित की।



