विटामिन सी शरीर के लिए फायदेमंद व कमी होने पर खतरा

विटामिन सी शरीर के लिए: विटामिन सी शरीर के लिए फायदेमंद व कमी होने पर खतरा
सभी विटमिन में से विटामिन सी मानव शरीर में अहम् भूमिका निभाता है। विटामिन सी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरुरी है विटमिन सी की कमी होने पर शरीर में अनेक बीमारियां होती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता भी ख़त्म हो जाती है। फिर छोटी छोटी बीमारियों से भी हम नहीं लड़ सकते। विटमिन सी की कमी से स्कर्वी नमक रोग होता है।
शरीर तंदुरस्त रखने के लिए विटमिन सी मह्त्वपूर्ड है। हमारे द्वारा किया गया कार्य भी विटमिन सी की वजह से होता है। विटमिन सी निम्बू ,संतरा, अमरुद, मौसमी में होता है। शरीर में विटमिन सी की कमी हो जाये तो इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। बीमारियों से लड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
विटामिन सी शरीर के लिए: विटमिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है। विटमिन सी हर तरह के सिट्रस फल में पाय जाते है। विटमिन सी की कमी से मासपेशियो की कमजोरी जोड़ो और शरीर में थकान,मसूड़ों से खून आना और पेअर में चकते पड़ते है। बाल झड़ने जैसी समस्या होती है। विटमिन सी की कमी से एनीमियारोग होता है। जब शरीर में विटमिन सी की कमी हो तो आयरन की भी कमी हो जाती है जिससे शरीर में थकान ,पीलापन ,सांस लेने में तकलीफ ,चाकर आना ,वजन काम होना आदि होता है। विटमिन सी की कमी से त्वचा में रूखापन आता है। चेहरे पे झुर्रियां आती है। आँख के आसपास झुर्रियां होने लगती है।
यदि शरीर में घाव व चोट लगी है तो विटमिन सी की कमी से जल्दी ठीक नहीं होता है। घाव भरने में काफी समय लग जाता है। जिससे काफी दिकत हो सकती है। विटमिन सी आँख के लिए फायदेमंद है। आँख की रोशनी बढ़ाता है। इसकी कमी से आँख में कई बीमारियां हो सकती है विटमिन सी की कमी होने पर तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करे। उनके द्वारा बताये गए नियम व दवाओं का सेवन करे।
विटमिन सी की कमी को दूर करने के लिए कई दवाये आती है। सबसे ज्यादा शिशु व वृद्ध लोगो में विटमिन सी की कमी पाई जाती है।
वैज्ञानिको के अनुसार माँ के दूध में अधिक विटमिन सी होता है बाजार के दूध में विटमिन सी की मात्रा काम होती है जिस बच्चे को बाजार का दूध पिलाते है उसमे विटमिन सी की कमी पाई जाती है।
विटमिन सी के लक्षण – विटमिन सी की कमी होने पर शरीर में थकान होता है। मुँह से दुर्गन्ध आती है ,दांत कमजोर होता है ,त्वचा में रूखापन चेहरे पर झुर्रियां होती है। घाव का जल्दी न भरना ;बीमारी जल्दी ठीक न होना। मतली आना ,बुखार आना ,रोग प्रतिरोधक छमता कम होना ,आँख की रोशनी कम होना। ये सारे लक्षण थोड़े दिनों में दिख जाते है।