रायगढ़ नगर निगम के पास गोठान चलाने के पास पैसे नहीं,यह है मॉडल गोठान का हाल

Raigarh News संबलपुरी स्थित नगर निगम द्वारा संचालित गोठान से 200 से अधिक गाय-बैल को लैलूंगा गौशाला और गोठानों में शिफ्ट करने पर बुधवार को विवाद हो गया। दरअसल गोठान का संचालन करने वाली समिति ने ही रात 2 बजे गाय-बैल को नगर निगम के कर्मचारियों के जरिए पैदल ही लैलूंगा भेज दिया गया। इसके बाद गोठान का संचालन करने वाली समिति ने ही इसकी शिकायत चक्रधर नगर थाने में कर दी गई। जानवरों को क्रूरतापूर्वक ले जाने का आरोप लगाते हुए FIR कराने के लिए थाने में आवेदन दिया।
मामले पर अब राजनीति भी होने लगी है। उद्घाटन के बाद बनाए गए मॉडल गोठान में मवेशियों की संख्या ज्यादा है। वहीं इस गोठान पर खर्च के लिए निगम के पास पैसे नहीं हैं। दरअसल नगर निगम के संबलपुरी स्थित गोठान में लगभग 350 मवेशी हैं। देखरेख, चारा, स्टाफ और दूसरे खर्च को मिलाकर हर महीने लगभग 10 लाख रुपए खर्च होते हैं।
पिछले साल जिला प्रशासन ने नगर निगम को डीएमएफ से 19 लाख 47 हजार रुपए मंजूर किया था, जिसमें मवेशियों को चारा, दाना, हरा चारा उपलब्ध कराया गया। इस साल नगर निगम को प्रशासन से फंड नहीं मिला। निगम के सामने इन गायों को रखने और उनके खर्चे उठाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
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बीमार व दूध न देने वाली गायों को सड़क पर छोड़ते हैं पशुपालक
गोठान के संचालन का जिम्मा देख रहे इंजीनियर मुन्ना ओझा ने बताया कि शहर में जो गाय काफी बुजुर्ग हो जाती है या जिसका स्वास्थ्य लंबे समय से खराब रहता है। जो दूध नहीं देती है। उसे लोग बाहर में सड़कों पर छोड़ देते हैं। गाय फिर ट्रैफिक को भी प्रभावित करती है। गोठानों में गायों को लेने सिर्फ 5 फीसदी मालिक ही वापस आते हैं। बाकी गोठानों में ही छोड़ देते हैं। उनके खिलाने-पिलाने से लेकर स्वास्थ्य देखरेख के लिए निगम के पास पर्याप्त बजट नहीं है।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम को दी थी शिफ्टिंग की सहमति
पिछले दिनों कलेक्टर ने गोठानों के संचालन के लिए स्वयं से आय का स्रोत बना कर उनमें खर्च करने के निर्देश दिए थे। दूसरी तरफ मल्टी एक्टिविटी सेंटर की योजना पर काम नहीं हुआ और गोठान में खर्च जितनी आय नहीं हो सकी। आयुक्त की पशुपालन विभाग और निगम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। पशुपालन विभाग अधिकारियों ने ही इन गायों को गौशाला में शिफ्ट करने की सहमति दी।
ऑडिट के लिए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराते थे
गोठान के संचालन करने के लिए जिस कमेटी को दिया गया है। गोबर बेचे जाने से लेकर चंदा इकट्ठा कर वह गोठानों का संचालन कर रही थी। इधर संचालक को जब ऑडिट करने के लिए कहा जाता था, तो वह कोई भी दस्तावेज नहीं उपलब्ध करा पाता था। अब इस संचालक मंडल को हटाकर दूसरी संस्था को रखने के लिए कहा गया है। संचालनालय को भी सूचना दी गई, इसके बाद उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है।
Raigarh News हमने संचालनालय में जानकारी दी : मेयर गोठानों में काफी संख्या में गाय हो गए हैं। उनको रखने और देखरेख करने के लिए पर्याप्त बजट निगम के पास नहीं है। ऐसे में हम संचालनालय में इसकी जानकारी देने और मार्गदर्शन लिए जाने के बाद ही गोठानों में उन्हें शिफ्ट कर रहे हैं। रात में ट्रैफिक का दबाव कम रहने पर गायों को लैलूंगा ले जाया गया।
जानकी काटजू, मेयर,