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जोखिम बढ़ा, क्रिप्टो से एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर निवेशकों के हित के लिए कदम उठाना है जरूरी

Crypto Market :  जोखिम बढ़ा, क्रिप्टो से एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर निवेशकों के हित के लिए कदम उठाना है जरूरी

अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के निचे में दब जाते हैं.

यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को मिला है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक रिस्क और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.

भारत आतंकी गतिविधियों से बहुत ज्यादा प्रभावित रहा है। कश्मीर में लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के कारण हालात समान्य नहीं हो पा रहे हैं
जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बुधवार को बिटकॉइन ट्रेड (Bitcoin Trade) के मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी (Security Agency) को डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और कई जरूरी
कागजात बरामद हुए जो टेरर फंडिग (Terror Funding) में बिटकॉइन के इस्तेमाल ओर इशारा करते करते हैं|
कुछ समय पहले फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में RBI के द्वारा जताई गई आशंकाओं पर अब आईएमएफ ने भी मुहर लगा दी है. आईएमएफ ने एशिया खासतौर पर भारत और ताइवान जैसे देशों में क्रिप्टो में बढ़ते निवेश पर चिंता जताते हुए इस पर कदम उठाने की बात कही है जिससे निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके|
आईएमएफ के एक ब्लॉग में चेतावनी दी गई है कि क्रिप्टो एसेट्स फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए खतरा बन सकते हैं. यही बात रिजर्व बैंक ने अपनी स्टेबिलिटी रिपोर्ट में भी कही थी. इस ब्लॉग में एशियाई देशों में भारत में बढ़ते निवेश की भी बात कही गई है|

रिपोर्ट में कहा गया है की पेमेंट डिजिटल होने से फाइनेंशियल इंक्लूजन बढ़ा है. वहीं क्रिप्टो का बढ़ता चलन पूरे सिस्टम के लिए खतरा भी बन गया है. आईएमएफ के ब्लॉग में कहा गया है कि भारत से लेकर वियतनाम और थाइलैंड में क्रिप्टों का चलन तेजी से बढ़ा है और वो क्षेत्रीय फाइनेंशियल सिस्टम पर असर डालने की स्थिति तक पहुंच सकता है|

ब्लॉग में कहा गया कि महामारी से पहले क्रिप्टो और देशों के फाइनेंशियल सिस्टम एक दूसरे से अलग थे और एशिया के इक्विटी मार्केट के साथ इनका कोई सीधा संबंध नहीं देखने को मिलता था. जिस वजह से ये सोचने की कोई वजह नहीं थी कि क्रिप्टो से फाइनेंशिल स्टेबिलिटी पर असर पड़ेगा|

भारत सरकार ने किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को लीगल नहीं कहा है। इसके बाद भी लोग बड़े पैमाने पर इसमें निवेश कर रहे हैं। भारत में अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी में कुल निवेश वर्ष 2021 में 15 गुना बढ़कर 438.18 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

टेरर फंडिंग में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की खबर आने से एक बाद तो साफ हो गई है कि क्रिप्टोकरेंसी में जो भी पैसा निवेश किया जा रहा है वह सुरक्षित तो कतई नहीं है।

आतंकियों के बीच (Terror Funding) के लिए क्रिप्टो के उपयोग का पहला मामला मई 2020 में सामने आया था। तब Philippine Institute for Peace, Violence and Terrorism Research (PIPTVR) ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) की ओर से क्रिप्टोकरेंसी में लेनेदेन करने के मामले का खुलासा किया था।

यह सब कुछ फिलिपिंस की सरकार के नाक के नीचे हो रहा था। इस पैसे का इस्तेमाल इस्लामिक स्टेट ने दक्षिणी फिलिपिंस के मिंडानाओ क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया था।

आतंकी संगठन अगर अपने हिसाब से क्रिप्टोबाजार (Crypto Market) को नियंत्रित करने लगे तो क्रिप्टो का यह बुलबुला कभी भी फूट सकता है, इससे क्रिप्टो में निवेश करने वाले एक बड़े वर्ग को झटका लग सकता है।

Crypto Market : वैसे भी 2022 की शुरुआत से ही दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी बाजार का हाल बुरा है। वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 22,824 अमेरिकी डॉलर (1,821,550.94 रुपये) के लेवल पर कारोबार कर रही है। पिछले एक वर्षों के दौरान में 42 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की जा चुकी है।

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