छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

छत्तीसगढ़ के गांवों में फिर नो एंट्री,दूसरी जगह से आने वालाें को सात दिन तक गांव के बाहर रोकने की तैयारी,

RGHNEWS छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। बड़ी संख्या में गांवों में कंटेनमेंट जोन बने हैं। अब सरकार बाहर से गांव आने वाले लोगों को सीधे घर जाने से रोकने की तैयारी में है। इसके लिये गांव से बाहर क्वारेंटीन सेंटर बनाने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में प्रत्येक गांव में क्वारेंटीन की व्यवस्था कर ली जाएगी।

पिछले साल मार्च-अप्रैल में छत्तीसगढ़ आई कोरोना महामारी से प्रदेश के अधिकांश गांव अछूते थे। लॉकडाउन के दौरान गांवों में सामुदायिक स्तर पर अधिक सख्ती देखी गई। गांव से बाहर आने-जाने को सख्ती से हतोत्साहित किया गया। अप्रैल-मई में दूसरे प्रदेशों से वापस लौटे लोगों को क्वारेंटीन केंद्रों में रोका गया। इसकी वजह से महामारी के असर से गांव काफी हद तक सुरक्षित रहे। इस वर्ष मार्च-अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर ने गांवों में भी कहर बरपा दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से होली के दौरान गांव लौटे लोगों की वजह से यह नया स्ट्रेन छत्तीसगढ़ पहुंचा है। पिछली बार ऐसे लोगों को गांव के बाहर रोक लिया गया था। इस बार ऐसा नहीं हुआ और बीमारी गांव में पहुंच गई। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जिला पंचायतों काे पत्र लिखकर गांवों में फिर से क्वारेंटीन सेंटर खोलने को कहा है। इस केंद्र पर होने वाले खर्च का भुगतान पंचायतों की मूलभूत मद की राशि और 15वें वित्त आयोग से अलग राशि से किया जाना है।

पंचायत-स्कूल अथवा सामुदायिक भवनों में बनेगा केंद्र

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्वारेंटीन केंद्र गांव की पंचायत, स्कूल अथवा सामुदायिक भवन में बनेगा। विभाग ने ऐसे स्कूलों में क्वारेंटीन केंद्र नहीं बनाने का आदेश दिया है जिसमें 12वीं बोर्ड की परीक्षा होने वाली है। इन केंद्रों के संचालन और निगरानी में स्थानीय स्व-सहायता समूह, युवा समिति, रामायण मंडली और कोरोना निगरानी के लिए बनी समिति का सहयोग लिया जाना है।

क्वारेंटीन केंद्रों में ऐसी व्यवस्था का निर्देश

केंद्र में महिलाओं के स्नान के लिये अलग से बंद जगह की व्यवस्था होगी। बांस-बोरे से स्नानगृह बनाने का भी निर्देश है। शौचालयों की साफ-सफाई कराने के बाद ही केंद्र शुरू होंगे।

  • केंद्रों में गद्दा, दरी, बाल्टी, झाडू, नहाने और कपड़ा धाेने का साबुन, सेनिटाइजर, फिनायल, डस्टबिन जैसी चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • इन केंद्रों में रह रहे लोगों को सूखा राशन दिया जाएगा ताकि वे अपना भोजन खुद बना सकें। जिनके पास ऐसी व्यवस्था नहीं होगी वहां पर्याप्त सावधानी से पका भोजन भी परोसा जाएगा।

लक्षण दिखे तो अस्पताल पहुंचाना है

अधिकारियों ने कहा है कि क्वारेंटीन अवधि में अगर किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं तो उसकी जांच कराई जाए। पॉजिटिव पाये जाने पर उसे तुरंत अस्पताल अथवा आइसोलेशन केंद्रों में भर्ती कराया जाना है।

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