धर्म

छठ का दूसरा दिन खरना जानें सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का मुहूर्त और नियम

Chhath Kharna Niyam:  छठ महापर्व की शुरुआत शुक्रवार 28 अक्टूबर से हो चुकी है. आज 29 अक्टूबर को छठ का दूसरा दिन खरना है. खरना के दिन गुड़ की खीर, रोटी और केले से भगवान सूर्य देव की पूजाकर अर्घ्य अर्पित किया जाता है. इस दिन शाम के समय व्रती महिलाएं खीर का प्रसाद खाती हैं. मान्यता है कि आज के दिन नमक और अन्य अनाज को हाथ भी नहीं लगाया जाता. कहते हैं कि इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला और निराहार व्रत रखती हैं.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है. खरना के दिन छठ का प्रसाद ठेकुआ भी आज के दिन ही तैयार किया जाता है. आइए जानते हैं खरना पूजा विधि और इसके नियमों के बारे में. छठ का दूसरा दिन खरना छठ का दूसरा दिन खरना

छठ खरना पूजा विधि

छठ के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं प्रातः काल स्नान करके साफ और नए कपड़े आदि पहनती हैं. इसके बाद व्रत रखा जाता है. सूर्यास्त के बाद चूल्हे पर खरना का प्रसाद बनाया जाता है. शाम के समय सूर्य देव की खीर, रोटी और केले से अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद सबसे पहले ये प्रसाद व्रती महिलाएं ग्रहण करती हैं. बाद में घर के अन्य सदस्यों में बांटा जाता है. खरना के दिन से ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का व्रत शुरू होता है. इस दौरान कई नियमों आदि का पालन जरूरी होता है.

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खरना पूजा शुभ मुहूर्त

खरना: 29 अक्टूबर, 2022

सूर्योदय का समय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्योस्त का समय: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

Chhath Kharna Niyam:  ज्योतिष   शास्त्र  के  अनुसार।   खरना।  पूजा का प्रसाद साफ बर्तन और मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाया जाता है.

– घर परिवार के सदस्यों के साथ खरना की पूजा की जाती है.

– भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं. व्रती के प्रसाद खाने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों में प्रसाद वितरण किया जाता है.

– खरना का प्रसाद पूरे परिवार और दोस्तों में बांटा जाता है.

 

 

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