Raigarh News: गांवों को सुपोषित करने की दिशा में सरपंचों को दिया गया प्रशिक्षण
Raigarh News रायगढ़, 22 सितम्बर 2022/ सुपोषण अभियान के अंतर्गत आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सुपोषित ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर उन्मुखीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। अभियान के तहत गांव के सरपंचों को कुपोषण मुक्त करने की दिशा में सहभागिता के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में सरपंचों को कुपोषण के कारकों की जानकारी देते हुए उससे बचाव के उपाय बताए गए। इसके साथ ही सरपंचों को निर्देशित किया कि ग्रामीणों को कुपोषण से बचने प्रोत्साहित करें, जिससे गांव कुपोषण मुक्त हो सके।
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प्रशिक्षण में कुपोषण के बारे में मिथक व गलत धारणायें, स्थिति, दुष्प्रभाव, परिणाम, कार्यक्रम, कार्ययोजना, सरपंच की भूमिका एवं ग्राम पंचायत को सुपोषित करने की दिशा में आवश्यक पहल पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। प्रशिक्षक द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह धारणा होती है कि बच्चे जन्म के पश्चात कुपोषित होते है, जबकि यह मां के गर्भधारण से भी हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कुपोषण को गंभीर स्थिति नहीं मानी जाती, जबकि यह गंभीर समस्या है। इस दौरान उन्होंने यह भी इंगित किया कि नवजात बच्चों को मां का ही दूध सेवन करवाया जाए। जो कि शिशु को बीमारियों से लडऩे की शक्ति प्रदान करता है। आज ग्रामीण क्षेत्रों में कम उम्र में विवाह होना, नवजात बच्चों के कुपोषण का मुख्य कारण सामने आ रहे है। इसके साथ ही उम्र के साथ सही पोषण न मिलना, अज्ञानतावश कुपोषण के चपेट में किशोरी एवं बच्चे आ रहे है। जिसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गांव की कुपोषण की दर की समीक्षा की जाए। उन्हें उचित मार्गदर्शन देते हुए पोषक आहार उपलब्ध कराकर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इस दौरान सरपंचों ने अपने ग्राम पंचायत को शत-प्रतिशत सुपोषित करने की दिशा में किए जा रहे कार्यों में अपनी सहयोग देने की बात कही।
*कुपोषण एवं एनेमिया की रोकथाम के लिए करें उपाय*
Raigarh News जन्म के बाद से 5 साल में बच्चों को 7 प्रकार के टीकाकरण अवश्य लगवायें। जो बच्चों को 15 प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण से बचाता है। इसके अलावा वर्ष में दो बार कृमिनाशक गोलियों का सेवन करवायें। कुपोषण का आंकलन करने के लिए 5 साल से कम उम्र के सभी बच्चों का वजन और ऊंचाई नापा जाए इसके साथ ही गंभीर कुपोषण वाले बच्चों का इलाज समुदाय या पोषण पुनर्वास केन्द्र में करवाना सुनिश्चित करें। एनिमिया से बचाव के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं घर से हर हफ्ते आयरन सिरफ की खुराक दिलाएं। 49 आयु वर्ग तक की सभी महिलाएं एनीमिया से बचाव के लिए आयरन युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियां एवं सप्ताह में आयरन टेबलेट का सेवन करें। शासन द्वारा सुपोषण एवं एनीमिया के दिशा में चलाए जा रहे कार्यक्रमों में शामिल होकर उसका लाभ उठायें।