क्यों नाराज हुए अमित शाह….प्रत्याशियों के पैनल तक तैयार नहीं कर पाया संगठन
Amit Shah के बारे में खबरें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का अचानक जयपुर दौरा चर्चा में बना हुआ है। यह दौरा पहले से फिक्स नहीं था। दोनों नेताओं ने 16 घंटे जयपुर में बिताए और पार्टी नेताओं के साथ मैराथन बैठक की।
प्रत्याशियों के पैनल तैयार नहीं होने के चलते शाह प्रदेश संगठन पर काफी नाराज भी हुए। शाह ने कहा कि हम तो पूरी तैयारी के साथ यहां आए हैं, लेकिन प्रदेश संगठन में अभी तक पैनल ही तैयार नहीं हुआ है।
मीटिंग में वसुंधरा राजे ने अपने से जुडे़ नेताओं को टिकट की बात छेड़ी, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इससे पहले जयपुर एयरपोर्ट पर दीया कुमारी की शाह से करीब 10 मिनट मुलाकात भी चर्चा में बनी हुई है।
शाह को संघ के साथ भी मीटिंग करनी थी, लेकिन उसे भी चुनाव की अधूरी तैयारी के चलते कैंसिल कर दिया गया।
इस रिपोर्ट में जानते हैं कि अमित शाह की बैठक में क्या हुआ? 12 घंटे कौन-सा मंथन हुआ? किस बात पर शाह नाराज हुए और क्या चेतावनी देकर वापस लौट गए?
पढ़िए- इन सवालों के जवाब…

शाह का दौरा पहले से तय नहीं था
पार्टी सूत्रों की मानें तो अमित शाह का दौरा पूर्व निर्धारित नहीं था। शाह-नड्डा के इस दौरे की सूचना प्रदेश संगठन के पास केवल एक दिन पहले ही आई थी। अमित शाह और जेपी नड्डा के 27 सितंबर के दौरे पर आने की सूचना 26 सितंबर को संगठन और संघ को मिली थी।
भाजपा आलाकमान ने पूर्व में बताए अनुसार अपने स्तर पर प्रत्याशियों को लेकर सर्वे पूरा कर लिया था। प्रत्याशियों का पैनल भी लगभग तैयार था, लेकिन आलाकमान के पास मैसेज पहुंचा कि प्रदेश संगठन की ओर से विधानसभावार प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने में लगातार देरी हो रही है। ऐसे में शाह-नड्डा का जयपुर आने का कार्यक्रम बना।
दूसरा पार्टी प्रचार कैंपेन, प्रत्याशियों के चयन और कमजोर क्षेत्रों में टिकटों पर विस्तृत चर्चा भी करनी थी। भाजपा आलाकमान का मानना है कि स्टार प्रचारकों को जब पार्टी के प्रचार के लिए एक-दूसरी जगह जाना पड़ेगा, तो खुद की सीट पर काम करने का समय कब मिलेगा?

शाह के सामने नहीं दे पाए जवाब, प्रदेश संगठन का पैनल अब तक नहीं
अमित शाह और जेपी नड्डा 27 सितंबर को देर शाम जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे, सीधे होटल ललित गए और बिना रेस्ट किए बैठकों का दौर शुरू कर दिया। शाम को शुरू हुई बैठक इतनी लंबी चली कि रात के 3 बज गए।
बैठक में कोर कमेटी सदस्य शामिल हुए। इनमें प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, चुनाव प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश सह चुनाव प्रभारी विजया राहटकर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और सांसद राज्यवर्धन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूद रहे।
बैठक का एजेंडा था- टिकट के लिए पैनल, प्रचार के लिए नेताओं को जिम्मेदारी, प्रदेश संगठन की तैयारी और स्थानीय नेताओं का विशेष पॉइंट पर डिस्कशन, लेकिन अमित शाह ने जब प्रत्याशियों के पैनल बनाने की तैयारियों के बारे में पूछा, तो कोई नेता जवाब नहीं दे पाया। पता चला कि यहां पैनल बनना शुरू तक नहीं हुआ है। शाह ने कहा कि अब तक तो विधानसभाओं में प्रदेश संगठन के स्तर पर पर्यवेक्षक भेज कर नाम ले लिए जाने चाहिए थे।
बैठक में शामिल सूत्रों के अनुसार शाह ने कहा कि हम पूरी तैयारी के साथ आए हैं और अपने पैनल को प्रदेश संगठन की ओर से तैयार पैनल से मैच करना चाह रहे हैं। इसके बाद प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगे। उन्होंने चेताया कि आपकी (प्रदेश कोर कमेटी) ओर से पैनल नहीं आया, तो आलाकमान की ओर से कराए गए सर्वे के बाद सूचियां तैयार कर ली गई हैं, उन सूचियों को अपनी तरफ से जारी करना शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के पास कोई जवाब नहीं था।
पैनल बनाने की जिम्मेदारी देकर गए थे नड्डा
अमित शाह की मीटिंग से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश संगठन को एक जिम्मेदारी देकर गए थे। भाजपा की ओर से निकाली गई परिवर्तन संकल्प यात्रा की शुरुआत के समय जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जयपुर पहुंचे थे, तो उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित संगठन के नेताओं को निर्देश दिए थे कि हर विधानसभा सीट पर 2 से 3 प्रत्याशियों के पैनल जल्दी तैयार करने हैं।
नड्डा ने प्रदेश संगठन पदाधिकारियों को स्पष्ट कहा था कि प्रत्याशी जल्दी घोषित करने का बहुत दबाव है। आप लोग जल्दी से फील्ड से नाम लीजिए और पैनल तैयार करवाइए। उन्होंने यह भी कहा था कि हमने (भाजपा आलाकमान) अपनी ओर से सर्वे कर प्रत्याशियों को ढूंढने का काम शुरू कर दिया है, जो सितंबर में ही पूरा हो जाएगा। आलाकमान अपने सर्वे में उन क्षेत्रों को भी आइडेंटिफाई करेगा, जो भाजपा के लिहाज से थोड़े कमजोर माने जा रहे हैं।
निर्देश के बाद प्रदेश संगठन ने पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी ली थी। वहीं भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के दिशा-निर्देश पर भाजपा के विस्तारकों (संघ से जुड़े कार्यकर्ता जो संगठन का काम करते हैं) ने अपने स्तर पर भी अलग पैनल बनाने शुरू कर दिए थे।
संगठन की तैयारी कैसे अधूरी रह गई
हुआ यों कि सितंबर की शुरुआत में जेपी नड्डा के पैनल बनाने के निर्देश के बाद अलग-अलग दिशाओं में परिवर्तन संकल्प यात्रा निकलना शुरू हो गईं। संगठन पदाधिकारी और कार्यकर्ता तक इसमें व्यस्त हो गए। बीच-बीच में केंद्रीय नेताओं का भी इन यात्राओं में आना-जाना लगा रहा। ऐसे में संगठन की ओर से प्रत्याशी पैनल का काम छूट गया।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने पैनल को तैयार करने के लिए किसी नेता को जिम्मेदारी नहीं सौंपी। यदि जिम्मेदारी सौंपी जाती तो संबंधित नेता विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक भेजकर पैनल तैयार करवा सकता था।
विस्तारकों की ओर से आए पैनल पर भी असंतुष्ट
शाह, नड्डा और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने बैठक में माना कि संगठन की ओर से पेपर वर्क पूरा नहीं है। इसके बाद विस्तारकों की ओर से बनाई गई सूची को भी देखा। आलाकमान ने विस्तारकों की सूची की स्टडी में पाया कि आलाकमान के सर्वे और इस सूची में आए नाम मैच नहीं कर रहे। इस कारण विस्तारकों की सूची को भी अधिक गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
संघ सूत्रों के अनुसार संघ की ओर से पैनल तो तैयार करवाया गया था, लेकिन ये उन विस्तारकों के जरिए तैयार किया गया था, जिन्होंने लगभग 4-5 महीने पहले ही काम संभाला था। उन्होंने बताया कि विस्तारकों की नियुक्ति अगले महीने तक जारी थी। पुराने विस्तारकों को हटा दिया गया था। संघ की सूची में ये भी पाया गया कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में विस्तारकों ने अपने नाम ही पैनल में शामिल कर लिए।

राजे ने कही अपनी बात, दीया कुमारी की 10 मिनट मुलाकात
सूत्रों ने बताया कि बैठक में आलाकमान से वसुंधरा राजे ने खुद से जुड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की बात छेड़ी। उनके इस मुद्दे पर आलाकमान ने स्पष्ट तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पैनल में नाम आने के बाद इस विषय पर निर्णय किया जाएगा। जिताऊ प्रत्याशियों को बिल्कुल टिकट दी जाएगी।
राजे ने अपने गुट के देवी सिंह भाटी सहित कुछ नेताओं को भाजपा में शामिल करने की भी पैरवी की। इसके बाद भाजपा ने अर्जुनराम मेघवाल के विरोधी माने जाने वाले भाटी को शामिल कर लिया।
Amit Shah के बारे में खबरें इधर, बैठक के दौरान सांसद दीया कुमारी जयपुर आने पर शाह के स्वागत के लिए पहुंचीं। दीया ने शाह व नड्डा को गुलदस्ता भेंट किया। यहां दीया ने 10 मिनट शाह-नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद वे चलीं गईं और वे बैठक में मौजूद नहीं रहीं।



