रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

कुछ नया कर गुजरने का जज्बा रखते हैं IPS प्रभात कुमार

Raigarh News :- RGHNEWS प्रशांत तिवारी रायगढ़:- कुछ अलग कर गुजरने का जुनून हो तो छोटे से गांव के स्कूल में पढ़ने वाला छात्र भी खाकी वर्दी की आन-बान और शान बढ़ाते हुए कामयाब अफसर बन सकता है। हम बात कर रहे हैं रायगढ़ के नए IPS प्रभात कुमार की। प्रभात पहले लगभग 7 से ज्यादा नौकरियां कर चुके हैं, लेकिन समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े शख्स को न्याय दिलाने की चाह में ये IPS बनगए।

जमशेदपुर में हुई है प्रारम्भिक पढ़ाई पहली से बारहवीं तक कि पढ़ाई गांव के ही पाठशाला में सीमित संसाधनों के बीच हुई। चूंकि, प्रभात कुशाग्र बुद्धि के थे, इसके बाद IIT खड़गपुर से पोस्ट ग्रेजुएट की 2008 से 11 तक तीन साल पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद कैम्पस सेलेक्शन से ही इनको प्रोड्क्ट मैनेजर का पद काम मिला गया 2011 से 13 तक 2 वर्ष सेवारत रहे। इस बीच कॉम्पटीशन एग्जाम भी फाइट करते रहे।

 

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2019 में यू पी एस सी एग्जाम ने बदली तकदीर

ट्रांसपोर्टर के बेटे प्रभात कुमार के मन मे बहुत कुछ चल रहा था यही वजह रही कि 2019 में यू पी एस सी परीक्षा में सफलता के बुलंद झंडे गाड़ने के इरादे से जी तोड़ तैयारी करने के सुखद परिणीति स्वरूप सेलेक्शन होते ही इनके सपनो के पंख को परवान मिल गया। बीते कुछ दिनों में हैदराबाद में आई पी एस की कड़ी ट्रेनिंग के बाद प्रभात कुमार की प्रशिक्षु के रूप में पहली पदस्थापना रायगढ़ के आई पी एस कोतरा रोड थाना में हुई।

पढ़ने का रखते है शौक

पुस्तक पढ़ने का शौक रखने वाले आई पी एस अधिकारी प्रभात कुमार खाने में नॉनवेज का शौक रखते है।और ट्रेवलिंग का भी शौक रखते है पुस्तक में इन्हें व्यवहारिक अर्थशास्त्र, उपन्यास पढ़ना अच्छा लगता है।

हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय, बॉस्टन, USA से पढ़ी शिवानी मिश्रा है जीवन संगिनी

आई पी एस प्रभात कुमार ने विगत फ़रवरी 2022 में रायपुर की शिवानी मिश्रा का हाथ थामते हुए अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर उन्हें जीवन संगिनी बनाया और वर्तमान में शिवानी मिश्रा वर्क फ़ॉर होम जॉब करती है

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जनता और पुलिस के बीच मधुर संबंध

आमतौर पर खाकीवर्दी से जनता ख़ौफ़ खाती है मगर आई पी एस प्रभात कुमार जनता के समस्या का समाधान करने में विश्वास रखते है।बच्चो को पुलिस से डरने की जरूरत नही।जनता को भी पुलिस का सहयोग करना चाहिए।

थाना के कार्य में तीन चीज़ों पर देना चाहते है विशेष ध्यान

पहला, काम करने का एक निर्धारित ढाँचा हो । सप्ताह में प्रत्येक दिन एक प्रकार के काम के लिए किया है निर्धारित । जैसे कि हर मंगलवार को पेंडिंग क्राइम, तो वृहस्पत वार को लोगों की शिकायतों के निराकरण की करेंगे समीक्षा। इसके अलावा प्रतिदिन एक विवेचक के साथ बैठकर उसके पास जिस अपराध का विवेचना है उसपर करते है मंथन। इस से सुव्यवस्थित तरीक़े से लम्बित अपराधों के निकाल में मदद मिलेगी ल । पुलिसकर्मी के समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपने थाने के कर्मियों की समस्याओं को सुन ने के लिए रखा है बुधवार का दिन।

दूसरा प्रमुख फ़ोकस फ़ील्ड में पुलिसकर्मी का दिखना है। प्रतिदिन ४ में से किसी एक बीट में पट्रोलिंग कराते है । इस से फ़ील्ड में पुलिसकर्मी दिखेंगे, लोगों में विश्वास बढ़ेगा और अपराध विवेचना तथा शिकायात निवारण भी जल्दी होगा।

तीसरा और सबसे मुख्य फ़ोकस थाने के काम में इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी और डेटा का इस्तेमाल करना है । पहले ही सप्ताह में थाने में दर्ज अपराध, शिकायात, गुम इंसान, वॉरंट तमिलि इत्यादि के लिए data का ऑनलाइन डैश्बॉर्ड तैयार कर लिया गया है। उच्च अधिकारी कहीं से भी बैठकर काम की स्थिति का पता लगा सकते है ।

युवाओं के लिए

 

कोतरा रोड थाना जिम्मेदारी सँभाल रहे प्रभात कुमार मानते है कि दूसरों को देखकर जलना नही चाहिए ,हा उन्हें दूसरे के आदर्शों पे चलना चाहिए।टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करना चाहिए , बच्चो से पैरेंट्स ऐसा रिश्ता बनाये की बच्चे डरे नही और अपने मन कि बात बेझिझक अपने परिवार से बोले,इससे बच्चे गलती भी करे तो बताये की हमने आज गलत किया है और वो आगे ऐसा ना करे और माफी मांगे।

Raigarh News  अगर हौसले बुलंद हो और इरादे मजबूत हो तो लक्ष्य को फ़ोकस करते हुए मंजिल तक पहुँचा जा सकता है। वरना आज ये आई पी एस अफसर नही बनते।

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