करवा चौथ आज, आपके शहर में कब दिखेगा चांद

Karwa Chauth Moon Rise Time: आज सुबह से सुहागनों ने व्रत रखा हुआ है। जो कि शाम को चंद्रमा की पूजा के बाद खत्म हो जाएगा। आज शाम 7 से रात तकरीबन 9 बजे तक देशभर में चंद्रमा दिख जाएगा। जो कि पूर्व-उत्तर दिशा के बीच नजर आएगा।
पंडितों का कहना है कि मौसम की गड़बड़ी के चलते कभी चंद्रमा न दिखे तो शहर के मुताबिक चंद्र दर्शन के दिए समय पर पूर्व-उत्तर दिशा में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा कर सकते हैं। ये व्रत खास इसलिए है, क्योंकि आज बुधवार है।
ज्योतिषियों का कहना है कि आज के ग्रह-नक्षत्र सर्वार्थसिद्धि, सुमुख, अमृत और कुलदीपक योग बना रहे हैं। करवा चौथ पर ऐसा चतुर्महायोग पिछले 100 साल में नहीं बना।
आज बुधवार और चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है। इस तिथि और वार, दोनों के देवता गणेश जी ही हैं। इन शुभ संयोग और ग्रह स्थिति से व्रत का पुण्य और बढ़ जाएगा।
आज बुधवार और चतुर्थी का संयोग भी बन रहा है। इस तिथि और वार, दोनों के देवता गणेश जी ही हैं। इन शुभ संयोग और ग्रह स्थिति से व्रत का पुण्य और बढ़ जाएगा।
करवा चौथ पर कब निकलेगा आपके शहर में चांद
शहर | समय |
दिल्ली | रात 08:15 |
मुंबई | रात 08:59 |
कोलकाता | रात 07:45 |
चंडीगढ़ | रात 08:10 |
पंजाब | रात 08:14 |
राजस्थान | रात 08:26 |
लुधियाना | रात 08:12 |
देहरादून | रात 08:06 |
शिमला | रात 08:07 |
पटना | रात 07:51 |
लखनऊ | रात 08:05 |
कानपुर | रात 08:08 |
प्रयागराज | रात 08:05 |
इंदौर | रात 08:37 |
भोपाल | रात 08:29 |
अहमदाबाद | रात 08:50 |
चेन्नई | रात 08:43 |
बेंगलुरु | रात 08:54 |
वामन पुराण में बताई व्रत कथा में वीरावती अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का उपवास रखकर चंद्रमा निकलने का इंतजार करती है। भूख-प्यास से परेशान बहन को बेहोश होते देख उसका भाई मशाल लेकर बरगद पर चढ़ जाता है और पत्तों के बीच उजाला करता है। जिसे वीरावती चंद्रमा की रोशनी समझकर व्रत खोल लेती है। इसके बाद वीरावती के पति की मृत्यु हो जाती है। इसके बाद देवी पार्वती वीरावती को फिर से ये व्रत करने को कहती हैं। दोबारा ये व्रत करने से वीरावती को सौभाग्य मिलता है और उसका पति फिर जिंदा हो जाता है।
पति के लिए व्रत की परंपरा सतयुग से, इसकी दो कहानियां
पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई। जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लंबी उम्र के लिए व्रत किए जाने लगे।
दूसरी कहानी पांडवों की पत्नी द्रौपदी की है। वनवास काल में अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि के पर्वत पर चले गए थे। द्रौपदी ने अुर्जन की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगी। उन्होंने द्रौपदी को वैसा ही उपवास रखने को कहा जैसा माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और कुछ ही समय के बाद अर्जुन वापस सुरक्षित लौट आए।
- करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इसके बाद जीवन के सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ अखंड सौभाग्य का संकल्प लें।
- करवा चौथ का व्रत और पूजा का संकल्प लेने के बाद पूजा स्थल पर भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय और गणेश की स्थापना करें।
- इसके बाद चौथ माता फोटो रखें और पूजा की जगह पर मिट्टी का करवा रखते हुए सभी देवी-देवताओं आह्वान करते हुए पूजा शुरू करें।
- करवे में पानी भरकर उसमें सिक्का डालकर उसे लाल कपड़े से ढक दें।
- पूजा की थाली में सभी श्रृंगार की सामग्रियों को एकत्रित करके एक साथ सभी महिलाएं करवा माता की आरती और कथा सुनें।
- महिलाएं सोलह श्रृंगार कर शाम को भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कर्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का विधिपूर्वक पूजन करते हुए नैवेद्य अर्पित करें।
- रात्रि के समय चंद्रमा का दर्शन करके चंद्रमा से जुड़े मंत्रों को पढ़ते हुए अर्घ्य दें।



