टेक्नोलोजी

इन चरणों से गुजरकर चंद्रमा पर उतरेगा ‘चंद्रयान-3

Chandrayaan-3  : नई दिल्ली। शुक्रवार को ISRO ने चंद्रमा के अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया है। पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए, आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर 24 से 25 अगस्त के बीच लैंडिंग होगी। इस पर इसरो चीफ प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ एलवीएम-3एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में स्थापित किया।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि शुक्रवार को प्रक्षेपित किया गया ऐतिहासिक ‘चंद्रयान-3’ मिशन 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा और अंतत: चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा। नायर ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रक्षेपण यान ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और अंतरिक्ष यान के लिए आवश्यक प्रारंभिक स्थितियां ‘बहुत सटीकता’ से प्रदान की गई हैं।

Read more: Raigarh News: शिक्षा और ट्राइबल विभाग की कल ली बैठक, आज संस्थाओं के निरीक्षण में लैलूंगा पहुंचे कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए Chandrayaan-3 का सफल प्रक्षेपण किया था। शुक्रवार अपराह्न 2.35 बजे उड़ान भरने के 17 मिनट बाद उपग्रह को उसकी लक्षित कक्षा में प्रवेश करा दिया गया था। नायर ने कहा, ‘आज से, इसमें (यान) लगे थ्रस्टर्स को ‘फायर’ किया जाएगा और 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यान प्रणाली ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। और इसके कारण, अंतरिक्ष यान को जो भी आवश्यक शुरुआती स्थितियां चाहिए थीं, हमने उन्हें बहुत सटीकता से प्रदान किया है।

Chandrayaan-3  नायर ने कहा कि चूंकि प्रयोग का पहला चरण सौ प्रतिशत सफल रहा है और अंतरिक्ष यान भी बहुत अच्छी स्थिति में है तथा यह अपनी प्रणोदन प्रणाली और उपकरणों का उपयोग करके चंद्रमा पर जाने में सक्षम होगा। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के एक अधिकारी ने कहा, ‘वैज्ञानिक इस चरण के दौरान ‘कक्षा उत्थापन’ (यान को कक्षा में ऊपर उठाने) की कई युक्तियों में व्यस्त रहेंगे।’ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की पहली कवायद शनिवार को किये जाने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने शुक्रवार को प्रक्षेपण के बाद कहा था कि इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु से अंतरिक्ष यान पर करीबी नजर और नियंत्रण रखेगा।

Related Articles

Back to top button