रायगढ़

*✍️चार कंधों ने बचा ली लाज ,मानवता को शर्मसार होते होते ✍️*

 
RGH NEWS प्रशांत तिवारी  रायगढ़ पूर्वांचल के  सुसंस्कृत ग्राम महापल्ली में आज मानवता शर्मसार होते होते बच गई ,जब गांव के चार युवा आगे आये और विक्रांत के अर्थी को कंधे दे दी। पूरा मामला इस प्रकार बताया जाता है कि गत मंगलवार को विक्रांत की तबियत बिगड़ने के कारण उसका इलाज उसके इकलौती माँ करा रही थी ,बताया जा रहा है कि विक्रांत को पीलिया की बीमारी थी ।मंगलवार को इलाज के लिए रायगढ़ ले गए थे लेकिन वह नही बच सका ।शाम को शव महापल्ली घर ले आये । चूंकि विक्रांत की माँ बाप अंतरजातीय विवाह किया था और विक्रांत के जन्म के बाद उसके बाप ने मा बेटे को छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली ।ऐसे में विक्रांत की माँ ने ही उसे पाल पोश कर बड़ा किया ।इधर मा के समाज ने माँ बेटे को नही अपनाया वही बाप ने भी बेटे विक्रांत को स्वीकार नहीं किया।ऐसे में  सामाजिक पेचीदगी में उलझा विक्रांत के अर्थी को कंधा देने वाले कोई तैयार नहीं था । बुधवार की सुबह 10 बजे तक अर्थी नही उठ पाई थी। ग्राम पंचायत महापल्ली के सरपंच  अनंतराम चौहान के लिए भी यह मुसीबत बन गई थी। जात पात के आगे मानवता कराह उठी थी ऐसे में चार युवकों ने देवदूत बनकर विक्रांत के अर्थी को कंधा देकर श्मसान घाट ले गये जहां विक्रांत के मामा बलराम ने मुखाग्नि दी ।ग्राम पंचायत की पहल पर अर्थी भी सजा दी गई । पूर्व जनपद पंचायत सदस्य टीकाराम प्रधान , ग्राम पंचायत महापल्ली के उपसरपंच पति  शैलेष साहू ,बसंत प्रधान ,सामाजिक कार्यकर्ता व नवनिर्वाचित पंच ब्रजेश गुप्ता ,जनपद सदस्य अशोक निषाद ने दाह संस्कार में महती भूमिका निभाई ।इनके इस मानवीय कृत्य की भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।

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