भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आज से शुरू…
Ratha Yatra: भगवान जगन्नाथ को श्रीकृष्ण का अवतार माना गया है. पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के पवित्र धामों में से एक है. पुरी की जगन्नाथ यात्रा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से इस रथ यात्रा की शुरुआत होती है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के अलावा उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होकर जनता का हाल जानने निकलते हैं.
हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ होता है. इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा जी के साथ अपने मंदिर से निकलने के बाद पुरी नगरी का भ्रमण करते हुए जनकपुर के गुण्डिचा मंदिर पहुंचते है. मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान विश्राम करते हैं. रथयात्रा में सबसे आगे बड़े भाई, बीच में बहन और अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ होता है. यह यात्रा पूरे भारत में एक पर्व की तरह मनाया जाता है.
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जगन्नाथ यात्रा का महत्व
Ratha Yatraयह यात्रा हर साल जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होती है और पूरी नगर में तीन महीने तक चलती है. भक्ति और धार्मिक महत्व की दृष्टि से यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें लाखों भक्तों शामिल होते हैं. माना जाता है कि जो लोग भी सच्चे भाव से इस यात्रा में शमिल होते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस यात्रा के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. जगन्नाथजी की रथयात्रा में शामिल होने का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है.