धर्म

पौष माह में कब है सफला एकादशी, इस दिन पूजा पाठ करने से भगवान विष्णु की बरसती है कृपा

Safla ekadasi niyam:हिंदू धर्म में सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है. मार्गशीर्ष माह समाप्त होने को है. वहीं, मार्गशीर्ष माह के बाद पौष माह की शुरुआत होगी. इस माह में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है. बता दें कि पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी इस बार 19 दिसंबर के दिन पड़ रही है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. ऐसे में इस दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ आदि करने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. ज्योतिष शास्त्र में एकादशी व्रत के कुछ नियम बताए गए हैं. अगर इन नियमों का पालन न किया जाए, तो व्यक्ति को पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती. शास्त्रों के अनुसार अगर आप एकादशी का व्रत नहीं रख रहे, तो भी इन नियमों का पालन करके फल प्राप्त किया जा सकता है.

Read more:Sarkari Naukri: जूनियर क्लर्क और असिस्टेंट टीचर समेत इन पदों पर निकली भर्ती 

सफला एकादशी 2022 तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 दिसंबर 2022 सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रही है और समापन 20 दिसंबर 2022 सुबह 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. बता दें कि व्रत का पारण 20 दिसंबर सुबह 08 बजकर 05 मिनट से लेकर 09 बजकर 13 मिनट के बीच में किया जा सकता है.

Safla ekadasi niyam:शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी के दिन भोजन का खास ख्याल रखा जाता है. इस दिन चावल का सेवन भूलकर भी न करें. साथ ही, इस दिन व्यक्ति को सादा भोजन करना चाहिए. खाने में प्याज, लहसुन का प्रयोग भूलकर भी न करें. कहते हैं कि दिन मांसाहारी भोजन करना पाप की श्रेणी में आता है.

– इस दिन ब्रह्मचार्य व्रत का पालन किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादशी के दिन व्रत शांत रखना चाहिए. अपने मुख से इस दिन किसी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल न करें. विवादों से दूरी बनाकर रखें. अपना दिन पूजा-पाठ में लगाएं और इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप भी करते रहें.

– शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. फिर व्रत का संकल्प लें.

– इस दिन दोपहर और शाम के समय सोने से परहेज करें. किसी से झूठ या गलत न बोलें.

– एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने की मनाही होती है. ऐसा करना अशुभ माना गया है. कहते हैं कि भगवान विष्णु इस कार्य से क्रोधित हो जाते हैं. वहीं, मां लक्ष्मी भी रुष्ट हो जाती है. इस दिन लकड़ी के दातुन का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए.

Related Articles

Back to top button