डॉ. सूर्यनारायण केशरी : जिले के सबसे शांत डॉक्टर बीते 3 दशक से दे रहे सेवाएं,सबसे चुनौती भरा रहा डॉ. एसएन केशरी का कार्यकाल
Raigarh News रायगढ़ 04 अक्टूबर 2022, रायगढ़ जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो रही हैं। फिर चाहे वह कोविड काल रहा हो या फिर मलेरिया-डेंगू का प्रकोप इन सभी से फिलहाल रायगढ़ ने निजात पा ली है। किसी जरूरतमंद को अगर चिकित्सीय सुविधा की जरूरत हो तब स्वास्थ्य विभाग ने उसकी मदद की है, छोटी-छोटी टीम बनाना, डोर-टू-डोर जाना। रायगढ़ पूरे देश में कोविड टीके के पहले डोज को शत प्रतिशत लगाने वाला पहला जिला बना और आज भी बूस्टर डोज के मामले में राज्य में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में यह आमूलचूल परिवर्तन बीते 3 साल से आया है। कोविड संक्रमण ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तो किया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की भी परीक्षा ले ली। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने कलेक्टर भीम सिंह-यशवंत कुमार के निर्देश पर अथक प्रयास किया जिसके कारण कोविड के पहले और दूसरे लहर में जिले में अपेक्षाकृत कम जनहानि हुई और लोगों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ा। डॉ. केशरी ने कोविड के समय परिजनों को अपने पैतृक घर में छोड़कर दिन-रात मेहनत की।
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आवश्यकता और नई-नई गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य महकमा लगातार कार्य करता रहा ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके। स्वभाव से शांत और साम्य व्यवहार वाले सीएमएचओ डॉ. केशरी ने अपनी पूरी टीम को संभाला और विषम परिस्थितियों में कभी मातहतों पर दबाव आने नहीं दिया इसी कारण उनकी पूरी टीम सदैव तैयार रहती थी। यह शायद पहली मर्तबा हो कि बिना किसी विवाद और मतभेद के स्वास्थ्य महकमे ने टीम के रूप में बेहतर कार्य किया। यह सब संभव हुआ डॉ. सूर्यनारायण केशरी के कारण जो जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हैं इससे पहले वह घरघोड़ा के बीमओ, चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ भी रहे।
हाल ही में सरिया-पुसौर में बाढ़ में वह खुद प्रतिदिन वहां के कैंपों का जायजा लेते और जहां जरूरत हो वहां एक छोटी सी टीम भेज देते। लगातार हो रहे डेवलपमेंट और लोगों के स्वास्थ्य के अनुसार उन्हें जागरूक करना और एहतियाती कदम उठाने के लिए प्रयास किये। हाल ही में इनका तबादला कोरबा के लिए हुआ है जहां वह मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी होंगे।
30 साल से रायगढ़ की कर रहे सेवा
57 वर्षीय पेंड्रा निवासी डॉ. केशरी ने डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद रायगढ़ जिले में 4 मार्च 1992 को चिकित्सक के रूप में कार्यभार संभाला। स्त्री रोग विशेषज्ञ यहीं रहते हुए बने। फिर घरघोड़ा जैसे पिछड़े क्षेत्र में शांतिपूर्वक अपना काम किया। करीब 25 साल तक घरघोड़ा में सेवाएं देने के बाद वह 20 फरवरी 2019 को जिले के सीएमएचओ बने। तब डेंगू और मलेरिया से जिला परेशान था। ठोस रणनीति और मजबूत टीम ने इस पर नियंत्रण पाया। उसके बाद कोविड आ गया और कोविड में उनके काम का लोहा पूरा देश मानता है। कोविड टीकाकरण में इनकी रणनीति ने जिले का मान बढ़ाया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत यहीं रायगढ़ से की है और पूरे 30 साल इसको दिया है।
रायगढ़ नहीं भूलेगा इनका ऋण: डॉ. थवाईत
73 वर्षीय डॉक्टर मनोहर लाल थवाईत बताते हैं”मेरे समय में डॉ. केसरी ने जिला अस्पताल को ज्वाइन किया था। हमने साथ में घरघोड़ा में खूब काम किया। वह एक अच्छे व्यक्ति के साथ ही अच्छे चिकित्सक और स्वास्थ्य प्रबंधन को बखूबी निभाते हैं। वह शुरू से ही समर्पित रहे हैं यही लक्षण उनका कोविड काल में दिखा जब घर-परिवार को छोड़कर उन्होंने कोविड काल में मेहनत की। उनकी व्यवहारकुशलता और त्याग के कारण ही उनकी टीम अच्छी बनी और आज रायगढ़ कोविड को मात दे चुका है, टीका में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। रायगढ़ उनका यह ऋण कभी नहीं भूलेगा। वह जहां रहेंगे अपनी इसी ऊर्जी से कार्य करते रहेंगे।“
सभी ने किया सहयोग:डॉ. केशरी
Raigarh News बहुत कम ऐसे चिकित्सक होते हैं जो दूरस्थ इलाकों में लंबे समय तक रहे। वर्तमान में डॉक्टर जहां शहरी चमक-दमक में काम करना पसंद करत हैं वहीं डॉ. केशरी ने 25 साल घरघोड़ा में काम किया। यह इनका गृहग्राम नहीं था फिर भी वह वहां रहे उनकी इसी मेहनत का फल उन्हें सीएमएचओ बनकर मिला। डॉ. केशरी कहते हैं: ”मैंने अपने हिस्से का काम ईमानदारी से किया। जहां भी गया स्टाफ और लोगों का पूरा समर्थन मिला और जब लोग आपके साथ हों तो बड़ी से बड़ी चुनौती भी बौनी हो जाती है। कोविड हम सभी को कुछ न कुछ सिखा गया। रायगढ़ के लोगों ने कोविड में स्वास्थ्य विभाग बेहद साथ दिया। स्वास्थ्य विभाग की हमारी टीम एक परिवार के जैसे है। मैं तो भूल ही चुका हूं कि पेंड्रा मेरा घर है। लगभग पूरा प्रोफेशनल करियर यहीं बीता तो एक खासा लगाव हो गया यहां से। हम तबादले के तैयार रहते हैं यही हमारी नियति है।“