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कोरोना टेस्टिंग के लिए जारी हुआ नई गाइडलाइन:…इमरजेंसी में कोरोना की टेस्टिंग न होने पर भी लोगों को इलाज मिल सकेगा….लेकिन ये करना होगा जरूरी

नई दिल्ली: भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना  टेस्टिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक अब पहली बार ‘ऑन डिमांड’ टेस्टिंग सुविधा भी मिल सकेगी. यही नहीं, अब किसी भी स्वास्थ्य इमरजेंसी में कोरोना की टेस्टिंग न होने पर भी लोगों को इलाज मिल सकेगा. हालांकि इसके लिए सैंपल देना होगा.

टेस्टिंग सुविधाओं को देखते हुए लिया गया फैसला
दरअसल, देश में पिछले दो दिनों से लगातार 11.70 लाख टेस्टिंग होने और देश में कोरोना टेस्टिंग की सुविधाएं बढ़ना के बाद सरकार ने ये फैसला किया है. अबतक पूरे देश में 4 करोड़ 77 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग हो चुकी है. और देशभर में 1647 टेस्टिंग लैब चालू हैं. इन सुविधाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है.

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सांस संबंधित गंभीर बीमारी वाले मरीज (SARI), सभी लक्षण वाले मरीज, बिना लक्षण वाले हाई रिस्क मरीज, जो हॉस्पिटल में एडमिट हैं या जिन को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत है, जैसे कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज, ट्रांसप्लांट कराने वाली मरीज, पुरानी गंभीर बीमारी वाले मरीज या 65 वर्ष से अधिक वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं, ऐसे लोग जो ऐसी सर्जरी करवा रहे हैं जिसमें कोई इमरजेंसी नहीं होती यानी टाइम लेकर करवाई जाती है, उनको सर्जरी से पहले 14 दिन होम क्वारंटाइन होना पड़ेगा, जिससे संक्रमण का खतरा कम किया जा स

नेशनल टास्क फोर्स ने दिया था सुझाव

1-कैंटोनमेंट जोन में सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन पर काम कर रहे कोरोना वारियर्स को वरीयता मिलेगी. साथ ही कैंटोनमेंट जोन के सभी संदिग्धें की भी टेस्टिंग होगी. इसके लिए जरूरत के मुताबिक रैपिड एंटीजेन या आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा.

2. बिना कोरोना लक्षण वाले लोग, जो कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को टेस्टिंग में प्राथमिकता मिलेगी. 65 वर्ष से अधिक की आयुवर्ग वाले बुजुर्गों को भी इसमें शामिल किया गया है.
3. कैंटोनमेंट जोन के वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी, चूंकि उनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है.
4. सभी कोरोना लक्षण वाले लोगों को टेस्टिंग में प्राथमिकता मिलेगी, खासकर उन्हें दो पिछले 14 दिनों में विदेश से आए हों.
5. कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी कोरोना संक्रमण के लक्षणों वाले व्यक्ति की भी कोरोना टेस्टिंग होगी.
5. अस्पताल पहुंचे किसी भी रोगी का सेरी टेस्ट होगा।
6- अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाएगा, बशर्ते वो किसी ऑपरेशन से न गुजरा हो और एक सप्ताह में एक से अधिक टेस्ट न कराया हो.
7- सभी गर्भवती महिलाओं का कोरोना टेस्ट होगा. जो डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची हों.
इसके अलावा भी केंद्र सरकार ने 6 अन्य श्रेणियों में कोरोना टेस्टिंग को प्राथमिकता देने की बात कही है.

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