रायगढ़। (RGH NEWS ) विश्व आदिवासी दिवस पर जिले भर के हजारों की संख्या में आदिवासी संगठनों के नेतृत्व में रैली निकाली। रैली रामलीला मैदान से एक तीर एक कमान, सभी आदिवासी एक समान का नारा लगाते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए कलेक्ट्रेट के समीप ऑडिटोरियम तक पहुंची। इस रैली में धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया सहित बड़ी संख्या में आदिवासी नेता, अधिकारी एवं ग्रामीण सम्मिलित हुए। विश्व आदिवासी दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अवकाश दिए जाने पर आदिवासी समाज ने प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया,और उनका कहना है कि आदिवासी समाज के लिए बहुत से नियम कानून बने हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से इसका पालन जमीनी स्तर तक नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में विधानसभा की 29 सीटों पर आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व है। इसके बाद भी आदिवासियों के हित की अनदेखी हो रही है। पूरे आदिवासी समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
समाज की ओर से कहा गया कि आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी आज भी जल-जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं। आदिवासी समाज के लोग इस स्थिति के लिए सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीं जानकर इसे समाज के जिम्मेदारों की कमजोरी की देन बता रहे हैं। उनका कहना है कि 32 फीसदी जनसंख्या वाले आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में आज भी आदिवासी अपने अधिकारों के प्रति संघर्षरत दिखाई दे रहे हैं वह बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए आज भी गुहार लगाते ही दिखाई पड़ते हैं। आलम यह है कि जंगल के मालिक कहे जाने वाले आदिवासियों की स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।
अनुसूची पांच,पेशा कानून जैसे शब्द किताबों में ही प्रबल हो रहे हैं जबकि सूबे के 90 में से 29 विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं।