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अनिल अंबानी की कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू, आरकॉम पर है 31 बैंको का पचास हज़ार करोड़ का कर्ज़

रिलांयस समूह के अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है उनकी कंपनी दिवालिया होने के आखरी स्टेज पर खड़ी है। यही वजह है कि अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई औपचारिक रूप से शुरू हो गई। बता दें कि दिवालिया कार्रवाई के दौरान रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ही कंपनी के कामकाज पर नजर रखता है।
50,000 करोड़ का है कर्ज़ आरकॉम पर
रिलांयस समूह की कंपनी आरकॉम पर देश भर के 31 बैंकों का 50,000 करोड़ रूपये से भी अधिक का कर्ज़ बकाया है। कंपनी ने सबसे बड़ा कर्ज़ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से लिया है। रिलायंस ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल का चयन करने के लिए 03 मई को बैठक भी की थी। एनसीएलटी की मुंबई बेंच में अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

आरकॉम का ऑपरेशन दो साल पहले से ही बंद
अनिल अंबानी का आधार कही जाने वाली कंपनी आरकॉम को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि पूरी तरह से कर्ज़ में डूबी आरकॉम का ऑपरेशन दो साल पहले ही बंद हो गया था। लेकिन अनिल चाहते थे कि वो स्पेक्ट्रम और दूसरे एसेट अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को बेचें। लेकिन ये डील भी रद्द हो गई। कर्ज़ देने वाले बैंकों ने नया रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त करने के लिए दिवालिया कोर्ट एनसीएलटी में याचिका दायर की है।
एक समय थी रिलायंस नंबर वन
सीडीएमए तकनीक के भरोसे रिलायंस कंपनी ने अपनी मोबाइल सेवाओं को मात्र 500 रूपये में देना शुरू कर दिया था। जिसके बाद मोबाइल युग की क्रांति आ गई। एक दशक पहले तक भारत के व्यापार जगत में अनिल अंबानी और रिलायंस का एकतरफा कब्ज़ा था, कंपनी नंबर वन मानी जाती थी लेकिन दोनों भाईयों, अनिल और मुकेश अंबानी, के बंटवारे में आरकॉम अनिल के खाते में आई थी। हालांकि लोकप्रियता के चरम पर पहुंचने के बाद भी कंपनी की वित्तीय स्थिति डांवाडोल होती गई।

कंपनी ने एनसीएलटी में दी अर्जी
विभिन्न कर्जदाताओं का बकाया लौटाने में असफल रही कंपनी ने एनसीएलटी में दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के तहत फास्ट ट्रैक रिज्योलूशन की गुहार लगाई है। कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कर्ज़ निपटान योजना की समीक्षा की है और उसने पाया है कि 18 महीने गुजर जाने के बाद भी संपत्तियों को बेचने की योजना सफल नहीं हो सकी है। ऐसे में उसके पास आईबीसी के तहत प्रक्रिया शुरू करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

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